Teleprompter फेल, मिनटों तक अलबलाते रहे प्रधानमंत्री
पूरी दुनिया ने देखा कि प्रधानमंत्री मोदी खुद से नहीं बोलते, बल्कि Teleprompter देखकर पढ़ते हैं। कल अंतराष्ट्रीय मंच पर बोलते हुए अलबला गए पीएम।
कुमार अनिल
बड़े कॉरपोरेट और गोदी मीडिया ने वर्षों प्रयास करके प्रधानमंत्री मोदी को प्रखर वक्ता का खिताब दिया था। कल रात वह बेनकाब हो गया। उसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक नया विशेषण मिला-#TeleprompterPM।
Teleprompter एक यंत्र है। वक्ता के सामने छोटे से स्क्रीन पर भाषण आता जाता है और वक्ता मजे से पढ़ता जाता है। सामनेवालों को लगता है कि वक्ता अपने मन से धाराप्रवाह बोल रहा है, जबकि वह देखकर पढ़ता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल इसी Teleprompter से विश्व आर्थिक मंच की अंतरराष्ट्रीय ऑनलाइन मीटिंग में भाषण दे रहे थे। इसी बीच Teleprompter खराब हो गया। इसके बाद वे बार-बार Teleprompter ऑपरेटर की तरफ देखने लगे। फिर हिंदी में हकलाते हुए पूछा उनकी आवाज सुनाई पड़ रही है। फिर पूछा कि अनुवाद सुनाई पड़ रहा है? फिर कान से ईयर फोन निकाला। ये है वीडियो-
Yehh kyaa huaa, kaise huaaa, kaab huaaa, kyunnn huaaa!!!!!!
— Prakash Harijan (@PRAKASH_HARIJA) January 18, 2022
NATIONAL SHAME !!!!!#TeleprompterPM #FAM4TMC pic.twitter.com/4BGjPisg84
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलबलाने का वीडियो क्लिप आज लाखों बार शेयर हो चुका है। सुबह से ट्विटर पर#TeleprompterPM नंबर वन ट्रेंड कर रहा है। लाखों लोग ट्वीट कर चुके हैं। देश के अखबारों ने इस खबर को छुपाया, सिर्फ कोलकाता से प्रकाशित द टेलिग्राफ ने इस खबर को पहले पन्ने पर प्रमुखता से छापा है। उसने हेडिंग दी है-Great promptorator unplugged। अखबार ने ग्रेट ओरेटर को ग्रेट प्रोम्टोरेटर कहा है।
प्रधानमंत्री मोदी के अलबलाने वाले वीडियो क्लिप के साथ ही राहुल गांधी का एक पुराना वीडियो बी आज वायरल है, जिसमें वे प्रधानमंत्री मोदी के बारे में कह रहे हैं कि वे अपने मन से एक शब्द नहीं बोल सकते। वे टेलि प्रोम्टर पर देख कर पढ़ते हैं। वे खुद नहीं बोलते, उन्हें कोई और बुलवाता है। राहुल ने ट्वीट किया-इतना झूठ Teleprompter भी नहीं झेल पाया।
.@RahulGandhi has been proved right, once again. #TeleprompterPM pic.twitter.com/UHW9HUKWyx
— Ruchira Chaturvedi (@RuchiraC) January 17, 2022
फिल्म निर्माता विनोद कापरी ने कहा-सच ये है कि ये एक बेहद गंभीर मुद्दा है अंतरराष्ट्रीय मंच पर teleprompter कभी भी किसी का भी फेल हो सकता है। पर प्रधानमंत्री का बैक अप प्लान क्या था? क्या उन्हें इस महत्वपूर्ण विषय के बारे में कुछ भी पता नहीं था? क्या उनके पास लिखे हुए नोट्स तक नहीं थे?
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