TET आयोजित न करने के फैसले से बिफरा RJD
नीतीश सरकार के शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) आयोजित नहीं करने के फैसले का राजद ने जोरदार विरोध किया है। नीतीश सरकार को निकम्मी सरकार कहा। सड़क पर होगा विरोध।
राजद प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने बिहार सरकार द्वारा शिक्षक पात्रता परीक्षा ( टीईटी ) आयोजित नहीं करने के फैसले की तीखी आलोचना करते हुए इसे बिहार के छात्रों के साथ नाइंसाफी और धोखाधड़ी करार दिया है। राजद प्रवक्ता ने कहा कि राज्य सरकार अपनी अक्षमता, अकर्मण्यता और संकुचित मानसिकता की वजह से संवैधानिक जिम्मेवारियों से भाग रही है।
ज्ञातव्य है कि शिक्षक बहाली के लिए शिक्षक अभ्यर्थीयों को सीटीईटी अथवा टीईटी उत्तीर्ण होना अनिवार्य है। सीटीईटी का आयोजन केन्द्र सरकार करती है जबकि राज्यों द्वारा टीईटी का आयोजन किया जाता है। अन्य राज्यों में टीईटी का आयोजन नियमित रूप से साल मे एक बार या केन्द्र द्वारा आयोजित सीटीईटी की तरह हीं साल में दो बार होता है। बिहार में पिछले कई वर्षों से टीईटी का आयोजन नहीं किया गया है। इसके खिलाफ छात्रों द्वारा मा॰ उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने पर न्यायालय ने सरकार से जबाव तलब किया है। मा॰ न्यायालय के सामने अपनी अक्षमता छुपाने के लिए सरकार द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि बिहार सरकार टीईटी का आयोजन नहीं करेगी और शिक्षकों की बहाली सीटीईटी के आधार पर हीं किया जायेगा।
राजद प्रवक्ता ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा आयोजित सीटीईटी राष्ट्रीय स्तर की जाँच परीक्षा है जो सीबीएसई सिलेबस के आधार पर होता है । बिहार के सरकारी विधालयों में बिहार सरकार के सिलेबस के अनुसार पढ़ाई होती है जो सीबीएसई से भीन्न है। इस स्थिति में बिहार के सरकारी विधालयों में पढे हुए छात्रों के लिए सीटीईटी क्वालिफाई करना कठिन हो जाता है। राजद प्रवक्ता ने कहा कि राज्य सरकार के अक्षमता और अकर्मण्यता की वजह से बिहार के सरकारी स्कूलों में पढ़े गरीब छात्रों को अब शिक्षक बनने का सपना साकार नहीं हो पायेगा ।
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