ठाकरे और पवार से मिले नीतीश, ये है इसका राजनीतिक महत्व
महाराष्ट्र में BJP शिव सेना को तोड़ चुकी है। NCP को तोड़ने की कोशिश की। आज कोर्ट से ठाकरे को मिला नैतिक बल, आज ही मिले नीतीश। जानिए क्या है राजनीतिक महत्व।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव गुरुवार को मुंबई में शिव सेना प्रमुख उद्धव ठाकरे तथा एनसीपी प्रमुख शरद पवार से मिले। इस मुलाकात का विशेष राजनीतिक महत्व है। महाराष्ट्र की राजनीति अभी गरमाई हुई है। भाजपा ने शिवसेना को तोड़ दिया। एनसीपी को बी तोड़ने की कोशिश की, लेकिन नाकाम रही। वह फिर तोड़ने की कोशिश कर सकती है।
शिव सेना को जिस प्रकार भाजपा ने अनैतिक तरीके से तोड़ा, चुनाव आयोग ने शिंदे गुट को ही असली शिव सेना बताया, उसका महाराष्ट्र की जमीन पर उल्टा असर हुआ। आम लोगों की सहानुभूति उद्धव ठाकरे के साथ है। इसका प्रमाण यह है कि जिला परिषदों के चुनाव अप्रैल में होने थे, लेकिन इसे भाजपा-शिंदे सरकार टाल रही है। उन्हें पता है कि आज चुनाव हुए तो शिव सेना, एनसीपी और कांग्रेस गठबंधन उसका सफाया कर सकते हैं।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का महाराष्ट्र के नेताओं के साथ मिलना इस अर्थ में महत्वपूर्ण है कि वहां जारी उथल-पुथल में नीतीश के पहुंचने से उद्धव ठाकरे और शरद पवार को एक नैतिक सपोर्ट मिला है। हालांकि असली लड़ाई वे खुद लड़ रहे हैं और आगे भी लड़ेंगे, लेकिन नीतीश के मिलने से जनता में सकारात्मक संदेश गया कि देश का विपक्ष भी उद्धव के साथ है। उद्धव भी इस बात को जानते हैं। इसलिए उन्होंने नीतीश कुमार और उनके साथ गए तेजस्वी यादव का गर्मजोशी से स्वागत किया।
यही नहीं, उद्धव और नीतीश ने एक साथ प्रेस को भी संबोधित किया। अपने संबोधन में उद्धव ने सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद शिंदे और भाजपा सरकार से इस्तीफे की मांग की। नीतीश कुमार ने भी उनका समर्थन किया। उन्होंने कहा कि भाजपा जो कर रही है, वह देशहित में नहीं है।
नीतीश कुमार ने एक बार भरोसा जताया कि अगर देश के विपक्षी दल मजबूती के साथ एक हो जाएं, तो 2024 में केंद्र की मोदी सरकार को सत्ता से बेदखल किया जा सकता है।
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