ट्रैक्टर परेड के बाद संसद चलो, केंद्र की सांसें अटकाएंगे किसान
किसानों ने आज एक बड़ा एलान किया। 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड के बाद उन्होंने संसद चलो का नारा देकर केंद्र की मुशिकलें बढ़ा दी हैं।
कुमार अनिल
केंद्र सरकार गणतंत्र दिवस पर किसान गणतंत्र परेड से निपटने की तैयारी कर ही रही थी कि किसान संगठों ने आज एक और एलान कर दिया। एक फरवरी को देशभर के किसान संसद मार्च करेंगे।
आज दिल्ली पुलिस ने पांच दौर की वार्ता के बाद किसान परेड के लिए एनओसी ( नो आब्जेक्शन सर्टिफिकेट) दे दिया। किसान नेताओं ने प्रेस को बताया कि किसान परेड में शांति बनाए रखने के लिए कई स्तरों पर तैयारी की गई है। कंट्रोल रूम बनाया गया है। एक फोन नंबर भी जारी किया गया है।
किसान नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि पहली बार देश की राजधानी में किसान परेड करेंगे। हम दिल्ली जीतने नहीं जा रहे, बल्कि देश के सामने अपनी पीड़ा रखेंगे। अब तक तंत्र भारी था और गण कमजोर। पहली बार गण अपनी ताकत दिखाएगा।
किसान परेड में कितने ट्रैक्टर शामिल होंगे, इसका जवाब कोई नहीं दे पा रहा है। इतना तय है कि यह किसान परेड इतिहास में दर्ज होगा। देशभर के राजनीतिज्ञों, समाजशास्त्री, साहित्यकार, फोटो जर्नलिस्ट, पत्रकार, लेखक सबके लिए यह दिन खास होने जा रहा है।
26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड की इजाजत देकर फंसी मोदी सरकार
किसान संगठन दो स्तर पर तैयारी कर रहे हैं। पहला इसे शांतिपूर्ण संपन्न करना और दूसरा इस परेड में पूरा देश दिखे। इसके लिए अलग-अलग प्रदेशों के किसानों की झांकी निकलेगी। झांकी निकालने के लिए भी फोन नंबर जारी किया गया है। जो जानकारी मिल रही है, उसके अनुसार 25 राज्यों की किसान झांकी निकलेगी। किसान यह दिखाना चाहते हैं कि आंदोलन सिर्फ दो राज्यों का नहीं है, बल्कि देशभर के किसानों का है। आज मुंबई में भी किसानों ने बड़ी रैली निकाली।
एक फरवरी को संसद का बजट सत्र है। उसी दिन संसद मार्च का एलान बताता है कि किसान सरकार को सांस लेने का मोहलत नहीं देना चाहते। वे तीनों कानून वापस लेने को लिए आंदोलन का दबाव बढ़एंगे। लोग यह भी देखेंगे कि देश के टीवी चैनल इस परेड को किस तरह प्रस्तुत करते हैं।