जिस चंपारण में 108 साल पहले अंग्रेजों ने गांधी को किसानों से बात करने से रोका था, उसी चंपारण में उनके प्रपौत्र तुषार गांधी के साथ भी वही घटना हुई। उन्हों किसानों से बात करने से रोका गया। एक मुखिया ने तुषार गांधी का अपमान किया। मुखिया विनय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बिहार में गरीबों का कल्याण हो रहा है। आप उन्हीं का विरोध कर रहे हैं। इसके बाद शोर-शराबा हो गया। हालांकि कई लोग तुषार गांधी को सुनना चाहते थे, लेकिन विरोध के कारण बैठक वहां नहीं हो सकी। इस संबंध में एक वीडियो भी वायरल है, जिसमें मुखिया तुषार गांधी को उंगली दिखा कर अपमानजनक भाषा में बोल रहा है।
मालूम हो कि तुषार गांधी के नेतृत्व में 12 जुलाई को चंपारण के भितिहरवा से एक यात्रा शुरू हुई है, जो पूरे बिहार का दौरा करेगी। यात्रा का नाम बदलो बिहार, नई सरकार है। यात्रा के दौरान मुख्यतः नफरत की राजनीति तथा सोच को बदलने पर जोर दिया जा रहा है। यात्रा के संयोजक शाहिद जमाल ने बताया उस मुखिया के विरोध के कारण वह सभा नहीं हो पाई। इसके बाद हॉसल से बाहर निकल कर खुले में तुषार गांधी, उनके साथ चल रहे किसान नेता डॉ सुनीलम ने किसानों को संबोधित किया। उसके बाद यह यात्रा मोतीहारी पहुंची। फिर मुजफ्फरपुर होते यात्रा सोमवार को दरभंगा पहुंची।
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि अब आरएसएस के इशारे पर महात्मा गांधी के प्रपौत्र को बोलने से रोका जा रहा है। यह तानाशाही है। पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव ने कहा कि उस मुकिया का कच्चा चिट्ठा वे जल्द ही खोलेंगे।