UCC पर भाजपा गठबंधन में फूट, उठाया देश की एकता का सवाल
UCC पर भाजपा गठबंधन में फूट, उठाया देश की एकता का सवाल। नगालैंड में भाजपा गठबंधन में बड़े पार्टनर ने समान नागरिक संहिता का कर दिया विरोध।
समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) पर नगालैंड में भाजपा गठबंधन में फूट पड़ गई है। भाजपा ने इस मुद्दे पर जोर दिया, तो वहां वह सत्ता से बाहर हो जाएगी। यहां गठबंधन में भाजपा छोटी पार्टी है, जबकि NDPP सत्ता में बड़ा पार्टनर है। इसने प्रधानमंत्री के समान नागरिक संहिता लागू करने की घोषणा का विरोध करते हुए बड़ा सवाल उठाया है। कहा कि किसी एक संहिता (Code) के कारण भारत एकजुट नहीं है। देश विविधताओं से भरा है। हम नगालैंड में समान नागरिक संहिता को स्वीकार नहीं करेंगे।
नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (NDPP) के अध्यक्ष चिंगवांग कोनयाक ने इंडिया टुडे से बात करते हुए कहा कि हम समान नागरिक संहिता को किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं करेंगे। जहां तक नगालैंड का संबंध है, यह प्रदेश अनुच्छेद 371(A) के तहत सुरक्षित है। अगर देश की संसद भी समान नागरिक संहिता को पारित कर देती है, तो वह नगालैंड में लागू नहीं हो सकती। इसके लिए नगालौंड की विधानसभा से भी इसे पारित कराना होगा। नगालौंड में सबसे बड़ा दल एनडीपीपी ही है और उसके विरोध के बाद तय है कि विधानसभा में समाननागरिक संहिता का प्रस्ताव पारित नहीं हो सकता।
NDPP अध्यक्ष कोनयाक ने एक बड़ी बात कही। उन्होंने कहा सिर्फ समान नागरिक संहिता लागू करके कोई यह नहीं सोच सकता कि देश एक रहेगा। भारत अगर है, इसके बावजूद कि हमारे देश में अनेक धर्म, अनेक आदिवासी समूह के लोग रहते हैं। यह पूछे जाने पर कि नगालैंड में कई बड़े चर्च समान नागरिक संहिता का विरोध कर रहे हैं, तो कोनयाक ने कहा- अगर बहुसंख्यक दबाव बनाएगा, तो निश्चित रूप से अल्पसंख्यकों के मन में भय होगा। हर धर्म, हर समुदाय अपने हित की रक्षा करना चाहता है। याद रहे दो दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश में काफी जोर देकर देश में समान नागरिक संहिता लागू करने की बात की थी। कहा था कि एक परिवार में दो कानून नहीं हो सकते। उसके बाद कई भाजपा नेता उनकी बात दोहरा रहे हैं। दरअसल भाजपा यह समझने में भूल कर रही है कि पांच लोगों के परिवार और भारत जैसे विशाल और विविधताओं वाले देश में फर्क है।
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