उफ ! देवी का प्रतिमा विसर्जन इतना अपमानजनक!

सोशल मीडिया में देवी के प्रतिमा विसर्जन का वीडियो आया है। प्रतिमा को अपमानजनक तरीके से फेंका गया। लेखिका सुजाता ने कही बड़ी बात।

फोटो सोशल मीडिया में वीडियो से

सोशल मीडिया में देवी प्रतिमा के विसर्जन का वीडियो आया है, जिसे देखकर कइयों का मन विचलित हो सकता है। प्रतिमा को बेहद गलत तरीके से पहले फेंका जाता है। प्रतिमा के कपड़े इधर-उधर हो जाते हैं। फिर लंबे डंडे से प्रतिमा को ठेल कर गंदे पानी में किसी तरह गिराया जाता है। ये है वीडियो-

इस, वीडियो को देखकर आलोचना का स्त्री पक्ष और अन्य पुस्तकें लिख चुकीं लेखिका सुजाता ने गंभीर बात कही, जिस पर सबको विचार करना चाहिए। सुजाता ने लिखा-उफ़, कितना प्रतीकात्मक है! यत्र नार्यस्तु पूज्यंते…पूजा करो, बलात्कार करो, एडिस फेंको, दहेज के लिए जला दो, मार-पीट करो, या वानिया शेख़ की तरह आत्महत्या के लिए मजबूर कर दो. यह सभ्यता नहीं बर्बरता है।

इससे पहले वीडियो शेयर करते हुए सानया ने लिखा-जब तक मन किया तब तक पूजा जब मन भर गया तो कचरे में उठाकर फेंक दिया आप लोग किसी देवी का स्टेचू बनाते ही क्यों हो जब उसे कचरे में ही फेंकना है।

ट्विटर पर कई लोगों ने इस वीडियो को दखकर तीखी आलोचना की है। अंगद अनभोरे ने कहा-हे भगवान, कपड़े पहनाकर सम्मान से तो विदा करना था। कम से कम हमसे तो सीखो, हिन्दू धर्म छोडकर जो बौद्ध बने, उन्होंने सम्मान पूर्वक देवी-देवता के फोटो-मूर्ति नदी में विसर्जित किए, बहा दिए और जो कट्टर हिंदू हैं, वह काम होते ही कचरे में फेक देते हैं ,यह बहुत शर्म कि बात है।

एमके मीणा ने लिखा-ठीक यही हालात देश की महिलाओं की है। जब मन किया सजाया, जब मन किया अधनंगा रोड पर छोड़ दिया, जब मन किया उपयोग में लिया, जब मन किया रौंद दिया।

पीएन सिंह ने लिखा-माफ करना बंधु, दुनिया के सारे धर्म अपने आम अनुयायियों को अंधभक्त हीं बनाते हैं। जो लोग अपनी साधना ,अपने विश्वास ,अपनी भक्ति और समर्पण को आध्यात्मिक ऊंचाइयों तक ले जाते हैं वही धर्म के मर्म को समझते हैं, बाकियों के लिये धर्म महज़ कबिलाई पहचान मात्र है। अतःअंधभक्त हर धर्म में हैं।

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