योगी प्रशासन का घिनौना चेहरा, मुस्लिम जोड़े को निकाह से पहले उठा कर रात भर थाने में रखा
योगी के राज में मुसलमान होने का भी सुबूत देना होगा. एक मुस्लिम जोड़े को निकाह से पहले कुशीनगर की पुलिस उठा कर ले गयी. रात भर थाने में रखा. जब तक इस जोड़े ने इस बात का सुबूत न दिया कि वे मुसलमान हैं तब तक पुलिस ने उन्हें नहीं छोड़ा. उधर निकाह की सारी तैयारिया धरी की धरी रह गयीं.
भले ही लव जिहाद पर बना कानून हिंदू और मुस्लिम की शादी को हतोत्साहित करने के लिए है. लेकिन यूपी में पुलिस ने इस कानून के इतर सीधे एक मस्जिद में पहुंच गयी. इस बात की परवाह किये बिना कि मुस्लिम जोड़े का निकाह हो रहा है, पुलिस ने शादी के माहौल को अपने घिनौने चेहरे से कुरूप कर दिया.
UP में धर्मांतरण विरोधी कानून लागू होते ही दर्ज हुआ पहला केस
पुलिस ने कहा है कि उसे लवजिहाद के तहत धर्मांतरण करा कर शादी कराने की शिकायत मिली थी. पुलिस ने आव देखा ना ताव वह मस्जिद में पहुंच गयी और जोड़े को उठा ले गयी. पुलिस द्वारा मानवता को शर्मशार करने वाली इस करतूत से कुशीनगर के मुसलमानों में भारी नाराजगी है. पुलिस की वर्दी में अमानवीता की यह क्रूरतम मिसाल है.
यूपी पुलिस (UP Police) ने कहा है कि उसकी तरफ से किसी भी तरह के मानवाधिकार का उल्लंघन नहीं किया गया है. पुलिस ने दलील दी कि उन्होंने कोई कानून नहीं तोड़ा और केवल राज्य के नए कड़े गैरकानूनी धर्मांतरण कानून के तहत एक आपराधिक मामले में जांच कर उसे सत्यापित किया है.
मंगलवार की शाम, राज्य की राजधानी लखनऊ से 325 किलोमीटर दूर कुशीनगर में पुलिस ने 39 वर्षीय एक व्यक्ति और 28 वर्षीय एक महिला (दोनों मुस्लिमों) को शादी करने से रोक दिया और उन्हें एक पुलिस स्टेशन ले गई जहां उनसे कथित तौर पर शादी की सारी रात पूछताछ की गई.
कुशीनगर के पुलिस कप्तान विनोद कुमार सिंह ने कहा, “गांव के एक व्यक्ति ने हमें सूचित किया था कि एक महिला की गांव में जबरन शादी कराई जा रही है और वह हिंदू है और दूसरा पक्ष मुस्लिम है. पुलिस तुरंत मौके पर गई और सभी को पूछताछ के लिए पुलिस स्टेशन ले आई. जांच में हमें पता चला कि महिला पड़ोसी आजमगढ़ जिले की थी और वह भी मुस्लिम थी और वह आदमी उससे शादी कर रहा था. जब हमें पूरी जानकारी मिल गई, तो हमने महिला के परिवार से संपर्क किया और उन्हें उनके हवाले कर दिया. महिला के बारे में एक गुमशुदगी की रिपोर्ट पहले दायर की गई थी.”