UP Population Policy – तीन बच्चे जने तो गिरेगी गाज
चुनावी मैदान में जाने की तैयारी कर रहे उत्तर प्रदेश में UP Population Policy बन कर तैयार है. इसके तहत तीन बच्चे जन्मे तो सरकारी सुविधाओं से वंचित करने का प्रावधान है.
उत्तर प्रदेश में राज्य विधि आयोग ने ‘यूपी जनसंख्या (नियंत्रण, स्थिरीकरण और कल्याण) विधेयक, 2021‘ के मसौदे पर 19 जुलाई तक आम लोगों से राय मांगी गई है.
आयोग ने इस प्रस्तावित बिल को अपनी वेबसाट पर अपलोड कर दिया है और लोगों से कहा है कि वे अपनी प्रतिक्रिया दें ताकि उसी अनुकूल इसमें संशोधन करके रिपोर्ट का फाइनल ड्राफ्ट सरकार को सौंपा जासके.
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जनसंख्या संबंधी नयी नियमावली अगले दस वर्ष तक के लिए लागू की जानी है.
इस प्रस्तावित कानून की कुछ खास बातें
1. प्रस्तावित कानून के तहत दो से अधिक बच्चों के पिता को किसी भी सरकारी सब्सिडी या किसी कल्याणकारी योजना का लाभ नहीं मिलेगा. इसके अलावा ऐसे व्यक्ति किसी सरकारी नौकरी के लिए भी आवेदन नहीं कर सकता है.
2. नए मसौदे में ये भी कहा गया है कि ऐसे लोगों को स्थानीय निकाय चुनाव में भी लड़ने की मनाही होगी.
3.एक से ज्यादा विवाह के मामले में, बच्चों की संचयी संख्या की गणना के उद्देश्य से प्रत्येक जोड़े को एक विवाहित जोड़े के रूप में गिना जाएगा.
4. जिनके पास केवल एक बच्चा है और वो अपने मन से नसबंदी करवाते हैं तो उन्हें मुफ्त स्वास्थ्य देखभाल सुविधा और बीमा कवरेज मिलेगा, जब तक कि वो 20 साल का नहीं हो जाता. स्नातक स्तर तक निःशुल्क शिक्षा, बालिकाओं के मामले में उच्चतर शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति और सरकारी नौकरियों में वरीयता दी जाएगी.
5.गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले दंपत्ति, जिनके केवल एक बच्चा है और जो खुद नसबंदी करवाते हैं सरकार उन्हें एकमुश्त 80 हजार रुपये की राशि देगी. मसौदे में कहा गया है कि राज्य सरकार के तहत प्रत्येक सरकारी कर्मचारी, जिसके दो से अधिक बच्चे हैं उन्हें कानून लागू होने के समय इस आशय का वचन देना होगा कि वे दो-बच्चे के मानदंड के उल्लंघन में कार्य नहीं करेंगे.