USCIRF ने कहा धर्मांतरण संबंधी कानून मानवाधिकार के खिलाफ
अमेरिकी संस्था USCIRF ने भारत के 12 प्रदेशों के धर्मांतरण संबंधी कानून को मानवाधिकार के खिलाफ बताया है। जानिए क्यों कहा, क्या बोले CPM नेता सीताराम येचुरी
अमेरिकी संस्था USCIRF (United States Commission on Religious Freedom) ने भारत में धार्मिक स्वतंत्रता पर एक रिपोर्ट जारी की है। इसी महीने जारी इस रिपोर्ट में भारत के 12 राज्यों के धर्मांतरण संबंधी कानून को अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार के खिलाफ बताया है। इन 12 राज्यों में अधिकतर भाजपा शासित राज्य हैं। सीपीएम नेता सीताराम येचुरी ने यूएससीआईआरएफ की रिपोर्ट को ट्विटर पर शेयर करते हुए कहा कि यह भारत में नरेंद्र मोदी सरकार के लिए झटका है।
सीपीएम नेता सीताराम येचुरी ने कहा- मोदी सरकार के लोकतंत्र और मानवाधिकार के दावे को झटका, USCIRF की ताजा रिपोर्ट कहती है कि भारत के 12 राज्यों (भाजपा शासित) ने धर्मांतरण संबंधी जो कानून बनाए हैं, जिसके तहत इसे आपराधिक कृत्य की श्रेणी में पखा गया है, वह अंतरराष्ट्रीय मनवाधिकार समझौतों के खिलाफ है, जिस पर भारत ने हस्ताक्षर किए हैं।
अमेरिकी संस्था USCIRF ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि भारत के 12 राज्यों में धर्मांतरण को आपराधिक कृत्य बताते हुए कानून बनाए गए हैं, जिसके तहत फाइन या जेल या दोनों का प्रवधान है। रिपोर्ट ने अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानूनों के तहत धर्मांतरण शीर्षक के नीचे विस्तार से लिखा है कि स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन का अधिकार मानवाधिकार की श्रेणी में आता है। मानवाधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा (UDHR-The Universal Declaration of Human Rights) के आर्टिकल 18 के तहत किसी व्यक्ति को अपना धर्म या विश्वास बदलने की आजादी है।
अमेरिकी संस्था ने यह भी लिखा कि इंटरनेसनल कोवेनेंट ऑन सिविल एंड पॉलिटिकल राइट्स ( ICCPR) के आर्टिकल 18 (1) के तहत कोई व्यक्ति अपनी मर्जी से धर्म अपना सकता है। संस्था ने यह भी लिखा कि मानवाधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा तथा आईसीसीपीआर किसी व्यक्ति को यह भी अधिकार देता है कि वह किसी को किसी धर्म से जुड़ने के लिए प्रेरित कर सकता है। देखिए उसकी यह रिपोर्ट-
धार्मिक स्वतंत्रता दी सरकार को झटका।