वैज्ञानिकों ने दूसरी लहर की चेतावनी दी थी, मोदी सरकार ने नहीं सुनी

अंतरराष्ट्रीय न्यूज एजेंसी रायटर के अनुसार वैज्ञानिकों ने दूसरी लहर की चेतावनी दी थी, पर मोदी सरकार ने नहीं सुनी। इसके विपरीत कुंभ और रैलियां होती रहीं।

भारतीय वैज्ञानिकों ने दूसरी लहर आ रही है, इसे भांप लिया था। उन्होंने भारत सरकार को चेतावनी भी दी थी। लेकिन उनकी चेतावनी को ‘हार्वर्ड नहीं, हार्ड वर्क’ पर भरोसा करनेवाली सरकार ने न सिर्फ अनसुना कर दिया, बल्कि चेतावनी के विपरीत कुंभ में लाखों लोगों के स्नान और पांच प्रदेशों में रैलियों में मशगूल रही। नतीजा सामने है।

न्यूज एजेंसी रायटर की खबर के अनुसार खुद भारत सरकार द्वारा गठित वैज्ञानिकों के फोरम ने मार्च की शुरुआत में ही सरकार को चेतावनी दी थी। वैज्ञानिकों ने कहा था कि कोरोना का एक नया और ज्यादा खतरनाक वैरिएंट B.1.617 देश में फैल रहा है। ऐसी चेतावनी पांच वैज्ञानिकों ने दी थी। सरकार ने चेतावनी पर कोई ध्यान नहीं दिया। नतीजा भारत में एक दिन में चार लाख पॉजिटिव केस आ रहे हैं, जो विश्व रिकार्ड है।

100 से अधिक वैज्ञानिकों ने बेहतर डेटा मांगा

इस बीच भारत के सौ से ज्यादा वैज्ञानिकों ने केंद्र सरकार से बेहतर डेटा की मांग की है, ताकि सही ढंग से रिसर्च किया जा सके। अब तक सरकार ने उन्हें कोई आश्वासन नहीं दिया है। वहीं देश के विभ्न्न प्रांतों में डेटा छुपाने के आरोप लग रहे हैं। अमूमन हर प्रदेश में जितनी मौतें हो रही हैं, सरकार उसका बहुच छोटा हिस्सा ही स्वीकार कर रही है।

पूर्व सांसद शहाबुद्दीन नहीं रहे, शोक में डूबा राजद

बिहार में भी सरकारी आंकड़े और श्मशान घाट की वास्तविकता में कोई मेल नहीं है। ऐसा ही चलता रहा, तो वैज्ञानिक कभी सही इलाज नहीं खोज पाएंगे, जिसका खामियाजा भारत ही नहीं, पूरी दुनिया को उठाना पड़ेगा।

आईसीएमआर का डेटा सरकार से बाहर कोई वैज्ञानिक हासिल नहीं कर सकता। इससे शोध कार्य बाधित हो रहे हैं। जिन वैज्ञानिकों को डेटा नहीं मिल पा रहा है, उनमें कई सरकारी संस्थाओं में शोध कार्य में संलग्न हैं।

By Editor


Notice: ob_end_flush(): Failed to send buffer of zlib output compression (0) in /home/naukarshahi/public_html/wp-includes/functions.php on line 5427