वर्षों से बिस्तर पर थे, एशियन सिटी हॉस्पिटल के ऑपरेशन से चल पड़े
पटना के एशियन सिटी हॉस्पिटल ने मरीज को नया जीवन दिया। उसकी रीढ़ की हड्डी टूट गई थी। तीन साल से बिछावन पर था। जटिल ऑपरेशन से मरीज को मिली अपार खुशी।
औरंगाबाद के छोटे लाल (45 वर्ष) पिछले तीन वर्षों से बिस्तर पर पड़े थे। वह चलने-फिरने में बिल्कुल असमर्थ थें। उनकी रीढ़ की हड्डी टूट गई थी। इसकी वजह से नस पर दबाव पड़ा और उसका चलना-फिरना बंद हो गया। उन्होंने देश के बड़े-बड़े अस्पतालों में दिखालं लेकिन कोई उन्हें चलने में समर्थ नहीं बना पाया। अंततः किसी मित्र ने एशियन सिटी हॉस्पिटल (पाटलिपुत्र कॉलोनी) में दिखाने की सलाह दी।
एशियन सिटी अस्पताल के हड्डी एवं जोड़ विभाग के सहायक निदेशक ने छोटे लाल का इलाज करके उन्हें ऑपरेशन के लायक बनाया फिर उनके रीढ़ की हड्डी का ऑपरेशन कर नस पर से दबाव हटाया। स्क्रू के सहारे हड्डी को जोड़ा। ऑपरेशन के सात माह बाद अब छोटे लाल सहारा लेकर चलने लगे हैं।
डॉ. पंकज कहते हैं कि यह ऑपरेशन बहुत ही जटिल था। उनके अनुसार छोटे लाल को जोड़ के दर्द की समस्या थी। ऐसे में वह पांच साल तक स्टेरायड लेते रहे। इससे उनकी हड्डियां कमजोर हो गई और स्वतः रीढ़ की हड्डी टूट गई। स्टेरायड लेने से उनका हिमोग्लोबिन का स्तर सिर्फ 3-4 रह गया था। उनके पूरे शरीर में फंगल संक्रमण भी था।
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उन्हें किडनी और लीवर की भी समस्या थी, ऐसे में स्थितियां बिल्कुल विपरीत थी। तब हमारी टीम ने उनका इलाज करने का निर्णय लिया। उन्हें 10 से 12 यूनिट खून कुछ दिनों के अंतराल पर चढ़ाया गया। इससे उनका हिमोग्लोबिन का स्तर सुधरा। इस दौरान फंगल इंफेक्शन की भी दवा चली और लीवर और किडनी का भी इलाज किया गया। हड्डियां मजबूत करने के लिए सप्लिमेंट्स दिये गये उसके बाद मरीज और परिजन की सहमति से ऑपरेशन किया।
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ऑपरेशन के सात माह बाद अब वो सहारा लेकर चलने लगे हैं। जल्द ही वह सामान्य आदमी की तरह चल सकेंगे। मरीज छोटे लाल कहते हैं कि डॉ. पंकज मेरे लिए भगवान हैं। सब जगह से दिखा कर हार चुका था। उन्होंने मुझे नई जिंदगी दी है।