Veerayatan के 50 वर्ष : कच्छ से राजगीर तक महोत्सव, EYE कैंप

सेवा, शिक्षा और साधना के केंद्र Veerayatan के 50 वर्ष पूरे होने कच्छ से राजगीर तक कई कार्यक्रम। मुख्य कार्यक्रम कच्छ में। राजगीर में EYE कैंप।

कुमार अनिल

पद्मश्री आचार्यश्री चंदना जी के अथक प्रयासों से आज वीरायतन की सुगंध देश-विदेश में फैल रही है। सेवा, शिक्षा और साधना को केंद्र में रखकर कार्य करते 50 वर्ष हो गए। इसमें भी सेवा पहले स्थान पर है। वीरायतन के गोल्डन जुबली समारोह का मुख्य आयोजन इस बार कच्छ में हो रहा है। साथ ही आचार्यश्री का 87 वां जन्मोत्सव भी मनाया जाएगा। राजगीर में सालों भर आंखों का अस्पताल काम करता है, जिससे लाखों गरीबों को आखों की रोशनी मिली। उस राजगीर में 23-24-25 जनवरी, 2023 को आई कैंप लगेगा। उस दिन बड़ी संख्या में आखों के ऑपरेशन होंगे। जिन्हें आंखों का ऑपरेशन कराना है, वे अभी ही राजगीर वीरायतन में आंख दिखा सकते हैं।

मुख्य कार्यक्रम कच्छ में हो रहा है। 26, 27 और 28 जनवरी, 2023 को तीन दिसवीय महोत्सव में वीरायतन के 50 वर्ष पूरा होने का सेलेब्रेशन होगा तथा 26 जनवरी को आचार्यश्री का 87 जन्मदिन भी मनाया जाएगा। 26 जनवरी को कार्यक्रम के मुख्य अतिथि हैं यूएस काउंसुल जेनरल (मुंबई) माइक हंकी। अध्यक्षता करेंगे वीरायतन के प्रेसिडेंट अभय फिरोदिया। 28 जनवरी को झलक जैन का दीक्षा समारोह होगा। तीनों दिन आचार्यश्री ताई मां आशीर्वचन देंगी।

वीरायतन शिक्षा के क्षेत्र में भी काम कर रहा है। बिहार के पिछड़े इलाके में कमजोर वर्ग के बच्चों को बेहतर सिक्षा देने के लिए कई स्कूलों का संचालन कर रहा है। जहां पढ़ाई के साथ ही भगवान महावीर के अहिंसा, सभी जीवों से प्रेम जैसे मूल्य पर भी जोर दिया जाता है।

पावापुरी में शिक्षक प्रशिक्षण संगोष्ठी

तीर्थंकर महावीर विद्या मंदिर पावापुरी में 15 जनवरी दिन रविवार को शिक्षक प्रशिक्षण संगोष्ठी का आयोजन किया गया । पूज्य साध्वी श्री संप्रज्ञाजी महाराज द्वारा दीप प्रज्वलित कर विधिवत उद्घाटन किया गया । इस शिक्षक प्रशिक्षण संगोष्ठी में नालंदा, नवादा एवं शेखपुरा जिले के 275 शिक्षकों ने अपनी उपस्थिति दर्ज की । केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद की तरफ से मुख्य प्रशिक्षक के रूप में मिताली मुखर्जी ने संप्रेषण कौशल विषय वस्तु पर अपनी बातों को सभी उपस्थित शिक्षकों के बीच में रखी।

पूज्य साध्वी श्री संप्रज्ञा जी महाराज के द्वारा सभी शिक्षकों को नैतिक मूल्यों के साथ-साथ, अपने पठन-पाठन में संप्रेषण स्किल्स को प्रभावशाली एवं क्रियात्मक तरीके से वर्ग शिक्षण में कैसे इसकी उपयोगिता प्रभावपूर्ण तरीके से प्रयोग में लाया जा सकता है इस पर प्रकाश डाला। प्राचार्य डॉ कौशल किशोर कौशिक के द्वारा शिक्षकों को बहुआयामी विषय वस्तु को अपने शिक्षण पद्धति में उपयोगिता एवं बच्चों के सर्वांगीण विकास को ध्यान में रखते हुए उनके रचनात्मक एवं बौद्धिक विकास को बढ़ावा कैसे दिया जाए इस पर प्रकाश डाला।
इस अवसर पर अरविंद कुमार सिंह, आशीष रंजन भी मौजूद थे।

दीपों से जगमग हुआ वीरायतन, सेव गर्ल चाइल्ड सहित कई रंगोली

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