तेजस्वी पर टिप्पणी कर फंसे PK, लोगों ने कहा संघ का छोटा रिचार्ज
प्रशांत किशोर का पर्दा उठ गया। उन्होंने तेजस्वी पर सवर्ण मानसिकता वाला ठीक वही हमला किया, जो भाजपा-संघ करते हैं। वे भाजपा-संघ के एजेंट है, ये हैं कारण।
जन सुराज के नेता प्रशांत किशोर ने खुद ही अपना पर्दा उठा दिया और बता दिया कि वे किसके एजेंडे पर काम कर रहे हैं। अब साफ हो गया है कि वे भाजपा-संघ के लिए काम कर रहे हैं और बिहार का केजरीवाल बनना चाहते हैं। ये देखिए पांच कारणृ
पहला, जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर ठीक वही सवर्ण मानसिकता वाला हमला किया, जो संघ और भाजपा वाले करते रहे हैं। उन्होंने कहा कि तेजस्वी नौंवी पास हैं। नौंवी पास नेता बिहार का उपमुख्यमंत्री है। वह लालू प्रसाद के बेटे हैं, यही उनका गुण है। इसीलिए वे उपमुख्यमंत्री बने हैं।
भाजपा-संघ के नेता यही कहते रहे हैं। कभी किसी ने प्रधानमंत्री की डिग्री नहीं पूछी। प्रशांत किशोर ने भी प्रधानमंत्री की डिग्री पर कुछ नहीं कहा। भाकपा माले नेता धीरेंद्र झा ने कहा सवाल एप्रोच का है। कुलीन मानसिकता के तहत अगर दलित-पिछड़ों पर हमला होता है तो हम विरोध करेंगे! सीपी ठाकुर ,ठाकुर प्रसाद, नवीन किशोर सिन्हा, राजनाथ सिंह आदि के बेटे बनेंगे तो ठीक! लालू जी का बेटा बनेगा तो गलत!
पीके भाजपा के एजेंट हैं, इसका दूसरा कारण है पीके ने कभी देश में जारी सांप्रदायिक हिंसा पर एक शब्द नहीं कहा, जैसे केजरीवाल चुप रहते हैं। बिलकिस बानो से लेकर बुलडोजर राज के नारे तक पर पीके ने कभी जुबान नहीं खोली।
तीसरा कारण यह है कि देश में विपक्षी दलों को केंद्रीय एजेंसियों के जरिये टारगेट किया जा रहा है, छापे मारे जा रहे हैं, इस पर पीके ने कभी मुंह नहीं खोला। लेखक अशोक पांडेय ने कहा कि मेरा बहुत स्पष्ट मानना है कि PK भाजपा के लिए ही काम करते हैं, कभी प्रत्यक्ष कभी परोक्ष।
चौथा कारण यह है कि महंगाई से आम आदमी परेशान है। विश्व बाजार में पेट्रोल सस्ता है, पर भारत में महंगा। जनता पर महंगाई की जबरदस्त मार है, लेकिन पीके ने कभी महंगाई पर एक शब्द नहीं कहा।
पांचवा कारण है वे नीतीश कुमार पर हमला करते हैं। जदयू को निशाने पर लेते हैं। कहा कि नीतीश ने उन्हें जदयू का नेतृत्व करने का ऑफर दिया था। इस पर नीतीश कुमार ने साफ कहा कि पीके को ऐसा कोई ऑफर कभी नहीं दिया। वे झूठ बोल रहे हैं। पीके नीतीश को तो निशाने पर लेते हैं, लेकिन बिहार भाजपा के किसी नेता पर कभी कुछ नहीं बोलते। अच्छा है, पीके ने खुद ही अपना पर्दा उठा दिया है।
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