World Stroke Day : लकवा मारने की क्या है पहचान, कैसे बचें
29 नवंबर को दुनिया भर में World Stroke Day मनाया जाता है। पहले 50-60 साल उम्र होने पर लकवा मारता था, अब 30 वर्ष के युवा भी हो रहे शिकार। कैसे बचें?
अगर आपको डायबटीज है, बीपी का प्रोब्लम है, हाइपर टेंशन के शिकार हैं, मानसिक तनाव में रहते हैं, तो सजग हो जाएं। आप स्ट्रोक के शिकार हो सकते हैं अर्थात आपको लकवा मार सकता है, जिससे आप जिंदगी भर के लिए अपाहिज हो सकते हैं। इलाज में काफी रुपए-पैसे खर्च होंगे सो अलग। लेकिन हमारा मकसद आपको डराना नहीं है। बल्कि हम बताना चाहते हैं कि किन उपायों से आप लकवा मारने के खतरे से बच सकते हैं और अगर लकवा मार ही दे, तो क्या करें, क्या है इस बीमारी की पहचान।
डायबटीज, बीपी का प्राब्लम है, तो हमेशा चेकअप कराते रहें। इन दोनों को नियंत्रण में रखें, तो स्ट्रोक का खतरा बहुत हद तक कम हो जाता है। आजकल मानसिक तनाव आम बीमारी बन कर उभरी है। किसी को परीक्षा से पहले तनाव है, कोई रिजल्ट को लेकर परेशान है, कोई जॉब नहीं मिलने से, कोई बच्चों की पढ़ाई को लेकर टेंशन में है। यह तनाव धीरे-धीरे इतना बढ़ जाता है कि उसे स्ट्रोक का रिस्क हो जाता है। दुनिया भर में रिस्क फैक्टर बढ़ा है।
बचाव का सबसे आसान तरीका यह है कि शारीरिक गतिविधि बढ़ाएं। सुबह में खूब टहलें। शारीरिक मेहनत करें। और जीवन शैली बदलिए। पैक्ड फूड खाना और शारीरिक गतिविधि नहीं होने से युवा वर्ग भी इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। तनाव को कम करें। इसके लिए उचित परामर्श लें।
लकवा मारने पर दर्द नहीं होता है। इसलिए कई बार लोग इसकी उपेक्षा करते हैं। इससे जीवन भर के लिए अपंगता का खतरा बढ़ जाता है। कई बार सर्जरी करनी पड़ती है। फिर लंबे समय तक फिजियोथेरेपी कराना होता है। देर करना मतलब जीवन को संकट में डालना है।
लकवा के ये हैं लक्षण-
चेहरा एक तरफ झुक जाना
बांह में कमजोरी महसूस होना या हाथ उठाने में परेशानी होना।
बोलने में तकलीफ, जुबान का लड़खड़ाना
और अंत में इलाज का खर्च। यह इलाज आम लोगों के लिए महंगा है। साधारण स्ट्रोक पर अस्पताल में भर्ती होते ही कम से कम 25 हजार का खर्च आता है। इलाज जैसे-जैसे बढ़ेगा, खर्च बढ़ता जाएगा। इसलिए एक सुझाव है कि हेल्थ इंश्योरेंश करा लें।
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