Zee News ने थूक कर चाटा, पर चुपके-चुपके, ताकि कोई देखे नहीं
फेक न्यूज के लिए कुख्यात Zee News का फेक न्यूज एक बार फिर पकड़ा गया। जब कांग्रेस ने कहा कि देश भ्रमण के लिए तैयार रहिए, तब मांगी माफी। वह भी छिपकर।
कुमार अनिल
कैसे किसी की राजनीतिक छवि की हत्या की जाती है, यह समझना हो तो Zee News का वह वीडियो देख लीजिए, जिसमें राहुल गांधी के बड़प्पन को नीचता बना कर प्रस्तुत किया गया। राहुल गांधी ने ऐसी बात कही, जिसका उदाहरण आज के नेताओं में लुप्त हो गया है। उनकी उदारता की सराहना करने के बदले उन्हें आतंकी का दोस्त साबित कर दिया Zee News ने।
कल राहुल गांधी केरल में पत्रकारों से बात कर रहे थे। उदयपुर की घटना और देश में विषाक्त माहौल पर उन्होंने कहा कि इसके लिए किसी एक व्यक्ति का कोई कमेंट जिम्मेदार नहीं है, बल्कि प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, भाजपा और संघ जिम्मेदार है। फिर एक अन्य पत्रकार ने राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्र में उनके दफ्तर में सीपीएम के छात्रों द्वारा की गई तोड़फोड़ के बारे में पूछा। राहुल गांधी ने कहा कि उनके दफ्तर में तोड़फोड़ करना दुर्भाग्यपूर्ण है, लेकिन ऐसा करनेवाले उनके बच्चे ही हैं। उन बच्चों ने भूल की है। लेकिन उनके प्रति मन में कोई गुस्सा नहीं है।
अब Zee News ने राहुल के दफ्तर में तोड़फोड़ वाली बात को हटा दिया और वहां उदयपुर के आतंकियों की बात जोड़कर नया फेक न्यूज तैयार कर चैनल पर चला दिया। चैनल पर चलाया कि देखिए राहुल गांधी उदयपुर के आतंकियों को अपना बच्चा बता रहे हैं, कह रहे हैं कि उनसे भूल हुई है, उनसे राहुल गांधी नाराज नहीं हैं। तो ये है Zee News का फेक न्यूज। सोशल मीडिया पर इसका पर्दाफाश होने पर भी जी न्यूज पर कोई असर नहीं पड़ा। यह तो उसकी आदत रही है। जब कांग्रेस ने राहुस गांधी की छवि खराब करने के खिलाफ मुकदमे की धमकी दी, तब चैनल ने माफी मांगी।
माफी तो मांगी, पर चुपके से। दो न्यूज के बीच। जबकि मीडिया एथिक्स जानने वाले जानते हैं कि अपनी भूल को भी उसी प्राथमिकता में प्रसारित करना ही पत्रकारिता का उसूल है। वरिष्ठ पत्रकार ओम थानवी ने ठीक कहा- ग़लत संदर्भ में प्रसारित हो गई थी या कर दी गई थी? उसे किस तरह राजनेताओं ने इस्तेमाल किया, मालूम है? खेद भी दूसरी ख़बर के बाद कहीं बीच में। कुछ देख सकेंगे, कुछ नहीं। माफ़ी की लगातार पट्टी चलानी चाहिए थी अगर चैनल फ़ेक न्यूज़ की साज़िश में लापरवाही से जा जुड़ा था। देखिए जी न्यूज की चालाकी, दो न्यूज के बीच चुपके से माफी-
ग़लत संदर्भ में प्रसारित हो गई थी या कर दी गई थी? उसे किस तरह राजनेताओं ने इस्तेमाल किया, मालूम है? खेद भी दूसरी ख़बर के बाद कहीं बीच में। कुछ देख सकेंगे, कुछ नहीं। माफ़ी की लगातार पट्टी चलानी चाहिए थी अगर चैनल फ़ेक न्यूज़ की साज़िश में लापरवाही से जा जुड़ा था। https://t.co/HtBb115o0K
— Om Thanvi (@omthanvi) July 2, 2022
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