जुबैर की गिरफ्तारी : देश ही नहीं, विदेशों में भी भारत हुआ शर्मिंदा
पत्रकार जुबैर की गिरफ्तारी का भारत ही नहीं, विदेशों में भी विरोध हो रहा है। क्या भारत में बोलने की आजादी बची है? सभी प्रमुख दलों ने किया विरोध।
पत्रकार जुबैर की गिरफ्तारी अब अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बन गई है। हर तरफ से सवाल उठाए जा रहे हैं कि क्या भारत में प्रेस की आजादी अब खत्म हो गई? यह सवाल इसलिए उठाया जा रहा है क्योंकि चार साल पहले के जिस ट्वीट को आधार बनाकर उन्हें गिरफ्तार किया गया है, उसमें ऐसा कुछ भी नहीं है, जिससे दूसरे धर्म की भावना आहत हो। जुबैर के ट्वीट में एक होटल का नाम बदला दिखाया गया है। पहले उस होटल का नाम हनीमुन होटल था, जिसे बदल कर हनुमान होटल कर दिया गया है।
ऑल्ट न्यूज के मोहम्मद जूबैर वही हैं, जिन्होंने भाजपा की प्रवक्ता का वीडियो दुनिया के सामने लाया था। भाजपा प्रवक्ता ने पैगंबर साहब पर अपमानजनक टिप्पणी की थी। उसके बाद मामला दुनिया भर में छा गया। अरब देशों के विरोध के बाद भारत सरकार ने कार्रवाई का आश्वासन दिया, लेकिन अब तक भाजपा की प्रवक्ता की गिरफ्तारी नहीं हुई है। बस एफआईआर दर्ज हुई है। इधर, मामले को उजागर करनेवाले जुबैर को दिल्ली पुलिस ने पुराना मामला खोज कर गिरफ्तार कर लिया।
देश के प्रमुख विपक्षी दलों ने जुबैर की गिरफ्तारी का विरोध किया है। राहुल गांधी, राजद के तेजस्वी यादव, सपा के अखिलेश यादव, रालोद के जयंत चौधरी सहित कई नेताओं ने विरोध किया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अब तक विरोध नहीं किया है। प्रेस से जुड़े अनेक संगठनों ने भी विरोध दर्ज किया है, जिनमें प्रेस क्लब भी शामिल है।
एमनेस्टी इंटरनेशनल ने जुबैर की गिरफ्तारी का विरोध करते हुए कहा कि यह भारत में अल्पसंख्यों पर दमन का उदाहरण है। कमिटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट के स्टीवन बटलर ने जुबैर की गिरफ्तारी पर कहा कि भारत में प्रेस की आजादी और भी नीचे गिरी।
‘दंगाई छुट्टा घूम रहे, ऑल्ट न्यूज के को-फाउंडर जुबैर गिरफ्तार’