बीमार लालू प्रसाद की सेहत के लिए दुआ करने वाले करोड़ों लोगों को  कुछ राजनीतिक शक्तियां झटका देने की तैयारी में है. नौकरशाही डॉट कॉम को विश्वस्त सूत्रों ने बताया है कि एम्स में इलाज अधूरा छोड़ कर लालू को अगले दो एक दिनों में रांची जेल में वापस भेजा जा सकता है.

लालू प्रसाद गंभीर बीमारियों की चपेट में हैं. उनकी किडनी 60 प्रतिशत से अधिक क्षतिग्रस्त है. सुगर लेवल नियमित रूप से फल्कचुएट करता है. बीपी कई बार अनियंत्रित हो जाता है. पहले ही उनके हर्ट की सर्जरी हो रखी है. ऐसे में एक तरफ लालू प्रसाद को सलाह दी गयी है कि वह और बेहतर इलाज और मेडिकल मानिटरिंग के लिए मुम्बई के अपोलो अस्पताल  जायें. याद रहे कि लालू प्रसाद की हर्ट सर्जरी मुम्बई में ही हुई थी. लेकिन इस बीच विश्वस्त सूत्रो का कहना है कि  कुछ प्रभावशाली लोग एम्स के डाक्टरों पर दबाव बना रहे हैं कि उन्हें वहां से छुट्टी कर दी जाये. ऐसे में उन्हें रांची जेल के अंदर ही इलाज करवाना पड़ेगा.

 

उधर लालू के परिवारिक सूत्रों का कहना है कि चूंकि लालूजी की तबियत ऐसी नहीं है कि उन्हें तेजप्रताप यादव की शादी में बुलाया जाये. इसलिए परिवार के लोग शादी समारोह से ज्यादा उनके स्वास्थ्य के प्रति सजग है और फैसला किया है कि उन्हें नियमित रूप से मेडिकल मानिटरिंग में रखा जाये. ऐसी स्थिति में अगर लालू प्रसाद को रांची जेल में शिफ्ट किये जाने का फैसला लेने के लिए एम्स के डाक्टरों पर दबाव डालने की बात से लालू प्रसाद के करोड़ों समर्थकों के लिए एक झटका लगने वाला हो सकता है.

पापा की हालत देख कर रो पड़े थे तेजस्वी

तीन दिन पहले तेजस्वी यादव ने अपने पिता से मुलाकात की थी. वह उनकी स्थिति देख कर खुद पर काबू नहीं रख सके थे. उनकी बीमारी देख कर तेज्सवी की आंखें भर आयी थीं. लेकिन तेजस्वी ने खुद को संभालते हुए एक बयान जारी किया था और कहा था कि पापा की स्थिति ठीक नहीं है लेकिन उन्हें सांत्वना है कि उनका इलाज एक अच्छे अस्पताल में हो रहा है. लेकिन तेजस्वी के लिए यह खबर और परेशान करने वाली हो सकती है कि उनके पिता एम्स के इलाज से वंचित किये जा सकते हैं.

उधर खबर है कि लालू ने बेहतर इलाज के लिए ऊपरी अदालत में अर्जी लगाई है. लेकिन उस मामले में सुनवाई से पहले ही उन्हें एम्स से हटाने की कोशिश चल रही है. सूत्र बताते हैं कि लालू प्रसाद की स्वास्थ्य की देख रेख करने वाले डाक्टरों डाक्टरों पर राजनीतिक प्रभाव डालने की भी कोशिश हो रही है.

गौरतलब है कि इस मेडिकल बोर्ड की टीम के अनेक सदस्य हैं जो केंद्र सरकार के प्रभावशाली मंत्रियों के फिजिशियन भी हैं.

 

 

 

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