नोटबंदी से क्या हासिल हुआ, क्या नहीं हुआ इस पर लोग खूब बहस कर रहे हैं, पर इसके द्वारा मोदी सरकार ने उस बेवफा सोनम गुप्ता को खोज निकालने की कोशिश की जो पिछले सत्तर साल के इतिहास में देश से सबसे बड़ी बेवफाई की थी. 

ध्रुव गुप्त का कटाक्ष

 

आज नोटबंदी का एक साल पूरा हो गया। मोदी जी के भक्त और सत्ताधारी दल के समर्थक इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया पर नोटबंदी के फ़ायदे गिनाने की कोशिश में पसीना बहा रहे हैं, हालांकि उन्हें आजतक ठीक-ठीक पता नहीं चला कि नोटबंदी से देश को क्या फ़ायदे हुए हैं। उनका मानना यह है कि मोदी जी ने ऐसा किया है तो कुछ क्रांतिकारी ही किया होगा।

 

 

विपक्ष नोटबंदी को भ्रष्टाचार का भाजपाई कवच और संगठित कानूनी लूट बता रहा है। इस समूची क़वायद के पीछे का सच वस्तुतः क्या है, यह किसी को मालुम नहीं।

मोदी सरकार का यह क़दम दरअसल कुछ हज़ार करोड़ का कालाधन बाहर निकालने के लिए नहीं था। उसे पता था कि इससे जितना कुछ हासिल होगा, उससे कई गुना यह देश व्यापार, लघु उद्योग, कृषि और रोज़गार की क्षति के रूप में गवां चुका होगा।

 

बात दरअसल कुछ और थी जिसे बेहिसाब आलोचना झेलने के बावज़ूद राष्ट्रहित में सरकार ने देश से आजतक छुपाए रखा है। नोटबंदी वस्तुतः एक ऐसे रहस्य की तह तक पहुंचने की विराट कोशिश थी जिसे कांग्रेस की देशद्रोही सरकार ने अपने साठ सालों के शासन में देश से छुपा कर रखा था। नोटबंदी की कोशिश में भले सौ से ज्यादा लोगों को अपनी बलि देनी पड़ी और करोड़ों लोगों ने अंतहीन तकलीफें उठाईं, लेकिन इसके माध्यम से मोदी सरकार ने वह छुपा हुआ रहस्य आख़िरकार खोज निकाला।

 

 

आज देश तो क्या, पूरी दुनिया को यह पता चल चुका है कि कांग्रेस के लम्बे शासनकाल में सोनम गुप्ता नाम की कोई एक लड़की हुआ करती थी जो कांग्रेस की भ्रष्ट और देशविरोधी नीतियों के कारण बेवफ़ा हो गई थी ! कांग्रेस के राज में घटित यह मानव इतिहास की अबतक की सबसे बड़ी बेवफाई थी। ऐसी बेवफ़ाई जिसके किस्से दस रुपए से लेकर दो हज़ार रुपयों के नोट तक पर दर्ज हो गए। आने वाला समय देशहित में हुए इस बड़े खुलासे को मोदी सरकार की महानतम उपलब्धि के तौर पर याद करेगा।

मोदी सर, जेटली सर और रिज़र्व बैंक को नोटबंदी की पहली सालगिरह मुबारक़ ! वैसे काम अभी अधूरा है। न तो सोनम गुप्ता की अभी पहचान हुई है और न उसे सलाखों के पीछे भेजा जा सका है। सरकार से आग्रह है कि सोनम गुप्ता तक पहुंचने के लिए वह देश में अभी से कैशलेस लेनदेन की व्यवस्था को कानूनी तौर पर अनिवार्य कर दे ! कांग्रेस के ज़माने की सोनम जब डिजिटल इंडिया से अनभिज्ञ करोड़ों दूसरे भारतीयों की तरह नगद लेनदेन करने घर से बाहर निकलेगी तो उसे पकड़ कर सलाखों के पीछे भेजना बहुत आसान हो जाएगा।

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By Editor