देश में तकरीबन 400 करोड़ रुपये के नकली नोट प्रचलन में हैं और सरकार की कोशिशों के बावजूद पिछले चार साल में इसमें कोई कमी नहीं आई है।  राष्ट्रीय जाँच एजेंसी के तत्त्वावधान में भारतीय सांख्यिकी संस्थान, कोलकाता द्वारा किये गये एक अध्ययन के मुताबिक देश में प्रचलन में मौजूद नकली नोटों का कुल अंकित मूल्य तकरीबन 400 करोड़ रुपये है।jjj

 

संस्थान का कहना है कि पिछले चार साल में इस आँकड़े में कोई बदलाव नहीं आया है। पुलिस तथा अन्य एजेंसियाँ नकली नोटों का गोरखधंधा करने वालों को समय-समय पर दबोचती रही हैं तथा उनसे भारी मात्रा में नकली नोट बरामद करती रही है। इसके बावजूद इस पर लगाम नहीं लग पाना सरकार के लिए चिंता का विषय रहा है।  राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार, पिछले तीन साल से लगातार सबसे ज्यादा पाँच सौ रुपये के नकली नोट बरामद किये गये हैं। वर्ष 2015 में पाँच सौ रुपये के 2,99,524 नोट बरामद या जब्त किये गये। सौ रुपये के 2,17,189 तथा एक हजार रुपये के 1,78,022 नकली नोट बरामद किये गये। पचास रुपये के 7,702 नकली नोट बरामद किये गये, जबकि अन्य मूल्य के 3,134 नकली नोट जब्त किये गये।  वर्ष 2013 की तुलना में पाँच सौ और हजार रुपये के जब्त नकली नोटों की संख्या में भारी कमी आई है जबकि सौ रुपये के जब्त नकली नोटों की संख्या बढ़ी है। 2013 में पाँच सौ के 4,29,757, एक हजार के 1,94,767 तथा एक सौ के 1,85,865 नकली नोट बरामद किये गये थे।

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