राजद नेता तेजस्वी यादव ने शुक्रवार को फेसबुक पर ऑनलाइन चौपाल का आयोजन किया. इस चौपाल में सैकड़ों लोगों ने सवाल किये. पढ़िये कुछ चुनिंदा सवाल और तेजस्वी के जवाब.

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नौकरशाही न्यूज

प्रीतम-  बिहार के युवा के लिए क्या राजनीतिक योजना है आपके पास?

युवाओं को पहले सामाजिक रूप से जागरूक होना पड़ेगा जिसका प्रयास हम कर रहे है फिर राजनैतिक रूप से उनको स्वावलंबी बना कर Decesion Making & Policy making में लाया जाएगा.

मिलन मिश्र-क्या आपको लगता है की आपके पिछले कार्यकाल के अनुसार जनता आपको वोट दे सकती है? आप युवा होने के नाते अपने दल से कितने युवाओं को टिकट देकर उन्हें जनता की सेवा एक पद पर रहकर करने का मौका देने जा रहे हैं?

जनता बिल्कुल वोट देगी और देती आयी है. विकास कार्य किया है तभी ना जनता ने 15 वर्ष तक चुना . लोकतंत्र में जनता मालिक होती है

नरेश झा- राजद में दूसरी पंक्ति के नेता क्यों नहीं पनप पाते हैं?

यह एक और उदहारण है जहाँ विरोधियों और मीडिया ने गलत प्रचार जनता में करने का काम किया | हमारी पार्टी पे पारिवारिक पार्टी होने का आरोप लगाया जाता है परन्तु वही लोग बड़ी सहजता से भूल जाते हैं कि हमारे दल ने एक से बढ़कर एक नेता दिए जिन्होंने राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर एक से बढ़कर एक विकास के कार्य किये और यह साबित किया कि राजद सही मायने में वह माहौल देता है जिसमें तपकर कसौटी पे खरा उतरने की योग्यता आती है | रघुवंश बाबु ने मनरेगा को एक सफल योजना के रूप में लागु करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई | स्वयं पूर्व प्रधानमंत्री सरीखे स्टेट्समैन प्रधानमंत्री ने उनकी इस उपलब्धि के लिए भूरी भूरी प्रशंसा की | बिहार की राजनीति के बड़े बड़े दिग्गजों ने राजद के जरिये ही अपनी पहचान बने | आजतक परिवार के किसी भी सदस्य को राज्यसभा का सदस्य नहीं बनाया गया है जबकि राजनीति में पैर ज़माने का यह सरल मार्ग माना जाता है |

चंदन कुमार आर्य- लोग बोलते हैं कि लालू जी 15 साल में बिहार को एक दशक पीछे ले कर चले गये. आप क्या कहना चाहेंगे. आपकी पार्टी का दृष्टिकोण क्या है.

आज हमारे देश को ऐसे युवा नेताओं की आवश्यकता है जो युवाओं के आकांक्षाओं को समझे, उनके हौसलों को उड़ान दे और उनकी उफनती उर्जा को दिशा दे | आज का युवा सिर्फ़ शिक्षा पाकर नौकरी का अभिलाषी नहीं है | वह बदलाव लाना चाहता है | अपनी एक अलग पहचान बनाना चाहता है | अपनी आवाज़ को सुनाने के लिए एकाग्रचित होकर सुनने वाला कान चाहता है और कदम से कदम मिलाके साथ चलने वाला एक जोशिला कारवां चाहता है | साम्प्रदायिकता, क्षेत्रवाद, भाषावाद, जात पात, अशिक्षा, अज्ञानता की बेड़ियों को तोड़कर आगे निकलना चाहता है | परन्तु दुर्भाग्यवश बिहार का युवा आज भी पुरानी बातों की चक्की में पिस रहा है | वह अंधकार में टटोल टटोल कर तलाश रहा है एक युवा कंधे को जो जो उसका भविष्यवादी विचारधारा के साथ उसका नेतृत्व करे | बिहार का युवा पुरानी नकारात्मक रटी रटाई रट को पीछे छोडकर नई संभावनाओं को छूना चाहता है | यह मेरा दृढ निश्चय है कि मैं बिहार के युवा को इस दुश्चक्र से बाहर निकालूं और राजनीतिक और सामाजिक परिदृश्य का कायापलट करूँ | मेरा समस्त बिहार के युवाओं से आह्वान है कि आइये, हाथ मिलाएं और नवसृजन करें नवबिहार का

रामानुज मिश्रा  आपके पिताजी ने यादव जाति पर खुद को केंद्रित किया. क्या रामानुज यादव नहीं थे. रवींद्र राय, सतीश कुमार यादव नहीं थे.

क्या आप सभी 50 लाख मिश्रा को एमएलए बना देंगे. यादवों को पता है कि उनके लिए क्या अच्छा और क्या बुरा है.

 

इम्तेयाज अली भुट्टो- आधुनिक दुनिया में राजद की बिचारधारा युवाओ तक पहुचाने में सोशल मीडिया का अहम् योगदान है।क्यों नहीं चुनाव पुर्व राजद से जुड़े बिहार के ऐसे सभी युवाओ को जो सोशल मीडिया पर सक्रीय हैं एक साथ पटना में बैठा कर आपके नेतृत्व में उन्हें ट्रैनिंग दी जाये.

बहुत जल्दी पटना में ऐसी मीटिंग होगी

वीरेंद्र कुमार- आप बिहार में कृषि के विकास के लिए किस तरह का योजना लेकर आने वाले हैं

सूखा-बाढ़-ओला वृष्टि जैसे प्राकृतिक आपदा, न्यूनतम समर्थन मूल्य का अपर्याप्त साबित होना, क्रेडिट और बीमा का अभाव हमारे किसानों को ले डूबता है | इस पर केंद्र सरकार ने भूमि अधिग्रहण कानून में बदलाव लाकर मानो ज़मीन हडपने का षड़यंत्र ही रच दिया हो | अतः ऐसी कोई आशा की किरण नहीं है जिसके भरोसे किसान अपनी कृषि जारी रखें | लेकिन कृषि में कायम रहना चाहे कितना भी कठिन हो गया हो, कृषि के बिना गुज़ारा भी संभव नहीं है | ज़रूरत यह है कि कृषि से किसानों को विमुख करने के बजाय कृषि को सुरक्षित और लाभकारी व्यवसाय बनाया जाए |

पूनम सिन्हा- आपके पिता श्री लालू प्रशाद जी के सासन में गरीबो के राज को जंगल राज कहा गया इस बात को मै मानती हु लेकिन इस जंगलराज का दाग जो आपके पिता जी के नाम पर बिरोधियो ने जोड़ दिया तो इस दाग को आप कैसे मिटायेंगे 

जंगलराज या कोई अन्य जुमला उन लोगों का दिया हुआ है जो उस समय विपक्ष में बैठे हुए थे और सत्ता में आने के लिए कुलबुला रहे थे | सरकार को बदनाम करने के लिए हर हथकंडा अपना रहे थे | जनता उनके दोहरे मापदंड को देखते हुए उन्हें मौका नहीं दे रही थी | किसलय अपहरण काण्ड इसका जीता जगता उदाहरंथा कि किस तरह उस समय के विपक्ष से नज़दीकी रखने वाले लोगों ने ठीक चुनाव के वक़्त किसलय का अपहरण करवाया और मीडिया जिसमें उनके लोगों का सदा ही वर्चस्व रहा है, ने भी बढ़ा चढ़ा कर इसे दिखाया और मतदान के ख़त्म होने के साथ ही किसलय मिल जाता है | अपराधी, बिचौलिए, जमाखोर और धन कुबेर शुरू से किस पार्टी के लिए समय समय पर अपनी करतूतों को अंजाम दे कर किस पार्टी को राजनैतिक फायदा दिलाते रहे हैं यह तो हम देश की राजनीति की हालत देख के जान ही रहे हैं |

राहुल पाण्डेय –आप बिहार में छात्र राजनीती में इच्छुक युवाओ के लिए क्या आपके क्या विचार है?

आज हमारे देश को ऐसे युवा नेताओं की आवश्यकता है जो युवाओं के आकांक्षाओं को समझे, उनके हौसलों को उड़ान दे और उनकी उफनती उर्जा को दिशा दे | आज का युवा सिर्फ़ शिक्षा पाकर नौकरी का अभिलाषी नहीं है | वह बदलाव लाना चाहता है | अपनी एक अलग पहचान बनाना चाहता है | अपनी आवाज़ को सुनाने के लिए एकाग्रचित होकर सुनने वाला कान चाहता है और कदम से कदम मिलाके साथ चलने वाला एक जोशिला कारवां चाहता है | साम्प्रदायिकता, क्षेत्रवाद, भाषावाद, जात पात, अशिक्षा, अज्ञानता की बेड़ियों को तोड़कर आगे निकलना चाहता है | परन्तु दुर्भाग्यवश बिहार का युवा आज भी पुरानी बातों की चक्की में पिस रहा है | वह अंधकार में टटोल टटोल कर तलाश रहा है एक युवा कंधे को जो जो उसका भविष्यवादी विचारधारा के साथ उसका नेतृत्व करे |

उमर अशरफ- क्या होगी महागठबंधन की नीति... अशरफ ने सवाल तो किया और खुद ही कई मशवरे भी दिये.

By Editor

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