वरिष्ठ समाजवादी नेता शिवानंद तिवारी ने लेबर ब्यूरो के हवाले से कहा है कि 2015 में सबसे कम रोजगार सृजित हुआ जबकि मोदी सरकार झूठा डंका पीट कर अपनी खामी छुपा रही है.
श्री तिवारी ने अपने फेसबुक अकाउंट पर कहा कि पिछले दो वर्षों की अपनी असफलता को छिपाने के लिए मोदी सरकार विकास का झूठा डंका पीट रही है। केंद्र सरकार के लिए सबसे गंभीर चुनौती बेरोज़गारी की समस्या है।
लेकिन सरकार इस समस्या को लेकर अभी तक अंधेरे में दीवार ही टटोल रही है।
इस सरकार ने सबसे ज्यादा नौजवानों को ठगा है। पिछले दशक मे 2015 सबसे कम रोज़गार पैदा करने वाला वर्ष रहा है। लेबर ब्यूरो के मुताबिक़ इस वर्ष सिर्फ़ एक लाख छतीस हज़ार रोज़गार का ही सृजन हो पाया।जबकि हर महीने दस लाख युवा रोज़गार की तलाश मे बाज़ार में आ रहे हैं।
हरियाणा के जाटों, गुजरात के पटेलों या आँध्र के कापुओं का आरक्षण के लिए आंदोलन दरअसल बेरोज़गारी की वजह से उपजी हताशा और विक्षोभ का ही परिणाम है।
सरकारें मुँह से नहीं अपने काम से बोला करती हैं। दो वर्षों में मोदी सरकार ने बोलने वाला कोई काम नहीं किया है। इसीलिए सरकार के लोग देश भर में घूम-घूम कर विकास का शोर मचाकर ध्वनि प्रदूषण फैला रहे हैं। हकीकत में मोदी सरकार चोटी और जनेऊ धारियों की जमात है और देश में उन्हीं का राज क़ायम करना चाहती है।