मुक्त मजदूरों का चेहरा अपने मसीहा एपी पाठक को देख खिल उठा
भारत सरकार के पूर्व नौकरशाह सह समाजसेवी सह बाबूधाम ट्रस्ट के संस्थापक ए पी पाठक बुधवार के दोपहर उच्च विद्यालय हरनाटांड़ में पहुंचे।
इस दौरान उनको सुनने के लिए सैकड़ों लोगों की भीड़ विद्यालय के प्रांगण में जमी हुई थी।उस भीड़ में 14 मजदूर भी शामिल थे जिन्हें बीते महीने एपी पाठक ने कर्नाटका के बेलगाम जिले से आजाद करवा कर घर बुलाया था।पूर्व नौकरशाह के आने पर उन मजदूरों ने सर्वप्रथम उनको माला पहनाकर धन्यवाद कहते हुए स्वागत किया।उन सभी ने बताया कि स्थानीय ठेकेदार के द्वारा उनको ले जाकर नौकरी के नाम पर लाखों रुपए में बेच दिया गया था।
मजदूरों के परिजनों ने एपी पाठक से अपनी आपबिती बताई। एपी पाठक ने मामले की गंभीरता को समझते हुए तुरंत कर्नाटका के डीजीपी से संपर्क साधते हुए स्थानीय आरक्षी अधीक्षक से इनकी सकुशल रिहाई के लिए बात की और यह मजदूर अपने घर सकुशल आ गए हैं।मजदूरों ने कहा कि श्री पाठक हम लोगों के लिए भगवान से कम नहीं है।उनके वजह से आज हम मुश्किल परिस्थितियों से निकल कर अपने परिजनों के बीच है।इसके लिए हम तमाम उम्र श्री पाठक का कर्जदार रहेंगे।वही एपी पाठक ने बताया कि पिताजी के मार्गदर्शन से बाबूधाम ट्रस्ट की स्थापना हुई है।
ट्रस्ट का मूल उद्देश्य है गरीबों की सेवा है।जिसके अंतर्गत गरीब बच्चियों को सिलाई-कढ़ाई,पढ़ने लिखने वाले गरीब बच्चों को मुफ्त शिक्षा व कोचिंग,महिलाओं के बीच साड़ी,ठंढ के समय कंबल का वितरण आदि कई प्रकार के कार्य हम इस ट्रस्ट के माध्यम से गरीबो के बीच करते आ रहे है।।इस अवसर पर बाबू धाम ट्रस्ट के लक्ष्मण प्रसाद सोनी,रीता देवी,राम नारायण माझी,मोहन राम सहित सैकड़ों स्थानीय ग्रामीण मौजुद थे।