बिहार शरीफ महाभारतकालीन इतिहास के महत्वपूर्ण स्थलों में शुमार मगध सम्राट जरासन्ध के अखाड़े के विकास के लिए चंद्रवंशियों ने 24 जून को जरासन्ध अखाड़े से आगाज़ किया।
बिहार शरीफ संवादाता संजय कुमार
राष्ट्रीय जरासन्ध अखाड़ा परिषद के बैनर तले आयोजित एक डंडा एक झंडा हमारा है,जरासन्ध अखाड़ा हमारा है के साथ चंद्रवंशियों ने बड़े आंदोलन की मुहिम छेड़ी। कार्यक्रम के आयोजक मिलन सिंह चन्द्रवँशी ने कहा किमगध के इतिहास के पन्नो में प्राचीन राजगीर के ऐतिहासिक परिदृश्य पर गौर किया जाय तो यहां का कण कण मगध सम्राट जरासन्ध के महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है ।किंतु कालांतर में आज जरासन्ध से जुड़ी हरेक ऐतिहासिक धरोहर उपेक्षा का शिकार है।
एक समय था जब जरासन्ध अखाड़े की मिट्टी के तिलक और पूजा के उपरांत ही कोई शुभ कार्य को अंजाम दिया जाता था मगर आज ऐसी विडम्बना है कि इसके विकास के फाइल सरकार के विभिन्न कार्यालय में कही धूल फांक रही होगी।
आज के इस कार्यक्रम के बाद सभी ने शपथ लिया कि इसके विकास के कार्य को अंजाम तक पहुँचा कर ही दम लेना है । भाजपा जिला उपाध्यक्ष श्याम किशोर भारती ने कहा कि भारतीय पुरातत्व विभाग, वन विभाग और पर्यटन विभाग के आपसी खींचतान से इस ऐतिहासिक धरोहर का अस्तित्व खतरे में है।राजगीर के विकास में नित्य दिन पर्यटन के कई केन्दों को विकसित किया जा रहा है लेकिन जरासन्ध से जुड़े धरोहरों को राजनैतिक साज़िश के तहत लावारिस हालात में छोड़ दिया गया है।
वक्ताओं ने कहा कि पहले यह अखाड़ा500 एकड़ में था लेकिन समय के साथ यह सिकुड़ता गया ।परिषद के प्रमुख नन्दकिशोर प्रसाद ने बताया कि इस आंदोलन के माध्यम से केंद्र सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्रालय और पुरातत्व विभाग के साथ बिहार सरकार को इसके जीर्णोद्धार के लिये मांग पत्र सौंपा जाएगा।
इस अवसर पर डोली यूनियन अध्यक्ष बुलबुल चन्द्रवँशी, सत्येंद्र कुमार, विनोद कुमार, आलोक,राजहंस कुमार,अमित चन्द्रवँशी, सनोज,पप्पू, रवि चन्द्रवँशी ,अजय चन्द्रवँशी सहित हज़ारो की संख्या में लोग उपस्थित थे।