6000 लोगों ने SC को लिखा, रेप के गुनहगारों की सजा माफी रद्द हो
देश के 6000 लेखकों, सामाजिक कार्यकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट से अपील जारी की। बिलकिस बानो गैंगरेप के दोषियों की सजा माफी को रद्द करने का आग्रह किया।
गुजरात के बिलकिस बानो केस में रेप के दोषियों की सजा माफ करने के खिलाफ आवाज तेज होती जा रही है। कल दिल्ली में कई संगठनों ने सजा माफ करने के खिलाफ प्रदर्शन किया था। अब देश के छह हजार लेखक, पत्रकार, इतिहासकार, फिल्म जगत से जुड़ी हस्तियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि वह रेप के दोषियों की सजा माफी को रद्द करे।
विभिन्न क्षेत्र के छह हजार प्रमुख लोगों ने सुप्रीम कोर्ट से अपनी अपील में लिखा है कि 15 अगस्त, 2022 की सुबह स्वतंत्रता दिवस पर देश के नाम अपने विशेष संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महिला अधिकार, महिला की गरिमा और नारी शक्ति के बारे में बातें कहीं। ठीक उसी दिन कुछ ही देर बाद न्याय के लिए लंबी लड़ाई लड़नेवाली बिलकिस बानो पर भयानक अत्याचार करने वाले, गैंगरेप करनेवाले, उसके परिवार के तीन सदस्यों की हत्या करनेवालों को आजाद कर दिया गया। किसी ने बिलकिस को इस संबंध में कोई नोटिस नहीं दिया कि उसके साथ रेप करनेवालों को जेल से छोड़ा जा रहा है। यह हमें शर्मिंदा करता है कि जिस दिन हमें स्वतंत्रता का जश्न मनाना था, जिस दिन अपनी आजादी पर गर्व करना था, उसी दिन गैंगरेप के दोषियों को जेल से मुक्त कर दिया गया।
सुप्रीम कोर्ट के नाम जारी अपील पर हस्ताक्षर करनेवालों में सइदा हमीद, जफरुल इस्लाम खान, रूपरेखा वर्मा, देवाकी जैन, उमा चक्रवर्ती, सुभाषिनी अली, कविता कृष्णन, मैमूना मोल्ला, हसीना खान, रचना मुद्राबोयिना, शबनम हाशमी, गैबरिला डेटरिक, जकिया सोमन, अरुंधती धुरु, मीरा संघमित्रा, मधु भूषण, कविता श्रीवास्तव, अम्मू अब्राहम, नवशरण सिंह, खालिदा परवीन, अंजलि भारद्वाज. मलिका विरदी, बिट्टू केआर, डॉ. अजीता, दिप्ता भोग, पूनम कौशिक, बोंदिता आचार्य, छायानिका शाह, कल्याणी मेनन सेन सहित हर क्षेत्र की प्रमुख महिलाएं शामिल हैं।
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