लेकतांत्रिक समाज में पुलिस के जुल्म व बर्बरता के रवैये में सुधार जरूरी है. ऐसे में पुलिस द्वारा पटना में शिक्षकों पर लाठियों से प्रहार करने पर अदालत का खुद ही संज्ञान लेना जीवंत लोकतंत्र का सबूत है.

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में पंजाब में एक लड़की की पिटाई और पटना में शिक्षकों पर पुलिस लाठी चार्ज की घटना पर कड़ा रुख अपनाते हुए पुलिस सुधार के लिए दिए गए निर्देशों पर अमल के बारे में केंद्र और राज्य सरकारों से जवाब मांगा है.

न्यायमूर्ति जीएस सिंघवी की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने इन घटनाओं के लिए बिहार और पंजाब सरकार को आड़े हाथ लेते हुए उन्हें निहत्थे लोगों के साथ बर्बर रवैया अपनाने के मामले में सात दिन के भीतर हलफनामा दाखिल करने का भी निर्देश दिया.

अदालत ने कहा कि केन्द्र सरकार के साथ ही सभी राज्य सरकारों को पुलिस सुधार के बारे में प्रकाश सिंह प्रकरण में दिये गये निर्देशों पर अमल के संबंध में नोटिस जारी किया जाए. न्यायालय ने पंजाब के तरणतारण में लड़की की पुलिस द्वारा कथित पिटाई और बिहार की राजधानी पटना में संविदा शिक्षकों पर लाठीचार्ज के बारे में प्रकाशित मीडिया खबरों का स्वत:ही संज्ञान लेते हुए पिछले सप्ताह ही इन राज्य सरकारों से जवाब मांगा था.

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