अभी मंत्रियों ने शपथ भी नहीं ली, शुरू हो गई BJP, RJD का पलटवार
परंपरा रही है कि नई सरकार बनने पर विपक्ष कम से कम 100 दिनों का वक्त देता है। पर भाजपा इतनी उतावली है कि अभी मंत्रियों ने शपथ भी नहीं ली, पर वह शुरू हो गई।
कुमार अनिल
बिहार में अभी ठीक से नई सरकार बनी भी नहीं है, अभी मंत्रियों ने शपथ भी नहीं ली है, विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा होनी है, लेकिन भाजपा अभी से जंगल राज-जंगल राज कहने लगी है। भाजपा के तमाम बड़े नेता नए गठबंधन के खिलाफ सक्रिय हो गए हैं। सोशल मीडिया पर उनके समर्थक ऐसे प्रचार में लग गए हैं, जिसे दुष्प्रचार कहना ज्यादा उचित होगा। जिस दिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को पद की शपथ लेनी थी, उस दिन सुबह से प्रचार चल रहा था कि तेजस्वी यादव की पत्नी उपमुख्यमंत्री बनने जा रही हैं।
आज राजद ने भी जवाबी हमला शुरू किया। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि चारा चोर का बेटा महात्मा थोड़ी हो जाएगा। इस पर राजद ने करारा जवाब दिया। कहा-देख लीजिए यह एक केंद्रीय मंत्री की भाषा है। OBC वर्ग के प्रदेश के पूर्व CM, पूर्व रेल मंत्री और बिहार में इनकी पार्टी से भी बड़ी पार्टी राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं प्रदेश के उपमुख्यमंत्री के प्रति इनकी घृणास्पद सोच और विक्षिप्त मानसिकता का परिचायक है। BJP ऐसे लोगों को मंत्री बनाती है।
भाजपा के बड़े नेता सुशील मोदी भी अचानक सक्रिय हो गए हैं। पहले दिन उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को निशाना बनाया कि वे उपराष्ट्रपति बनना चाहते थे, हमने नहीं बनाया, तो अलग हो गए। इस पर मुख्यमंत्री ने दो शब्दों में जवाब दिया-मजाक है, बोगस है। आज सुशील मोदी ने तेजस्वी यादव से पूछा कि कि पहली कैबिनेट मीटिंग में 10 लाख नौकरी देने का वादा क्या हुआ। खुद उनकी पार्टी पौने दो साल तक सरकार में रही, पर अपना वादा उन्हें याद नहीं। उन्होंने चुनाव से पहले 19 लाख रोजगार देने का वादा किया था। तेजस्वी यादव ने कहा कि वे मुख्यमंत्री नहीं हैं, उपमुख्यमंत्री हैं, फिर भी कमाई, दवाई, पढ़ाई के अपने मुद्दे पर कायम हैं। नौकरी देने की दिशा में भी कार्य शुरू हो गया है। उनकी सरकार जल्द ही इस संबंध में बड़ा एलान करेगी।
भाजपा के सारे नेता समर्थक अभी से नई सरकार के खिलाफ प्रचार और आशंकाओं को हवा देने में लग गए हैं। शायद उनकी कोशिश हो कि सरकार को काम करने के बजाय इसी में उलझा दिया जाए, या शुरू में ही नकारात्मक परसेप्शन बना दिया। परसेप्शन का बड़ा महत्व होता है। एक बार नकारात्मक बन जाए, तो सरकार के अच्छे काम भी लोगों को नहीं दिखते। देखना है, नई सरकार और गठबंधन किस प्रकार परसेप्शन की लड़ाई को जीतता है।
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