एक्शन में नीतीश, सुबह 9.30 में दफ्तरों का औचक निरीक्षण
एक्शन में नीतीश, सुबह 9.30 में दफ्तरों का औचक निरीक्षण। बाबुओं में हड़कंप। एक हफ्ते में तीसरी बार सुबह-सुबह दफ्तरों में पहुंचे। अब जिला कार्यालयों का नंबर।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मंगलवार को फिर सरकारी दफ्तरों का औचक निरीक्षण करने पहुंच गए। वे सुबह साढ़े नौ बजे विकास भवन और विश्वसरैया भवन के विभिन्न कार्यालयों के अधिकारियों के चैंबर में पहुंचे और देखा कि कौन अधिकारी उपस्थित हैं और कौन नहीं। जो अधिकारी अपने कार्यालय कक्ष में उपस्थिति नहीं मिले, उन्हें तुरत फोन करके कहा गया कि समय पर दफ्तर आइए। इससे पहले भी वे कई दफ्तरों का मुआयना कर रहे हैं। एक सप्ताह में तीसरी बार वे औचक निरीक्षण करते देखे गए। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अचानक इस नए तेवर से अधिकारियों में हड़कंप है। हाल ये है कि अब अधिकारी और दफ्तर के बाबू साढ़े नौ बजे दफ्तर खुलने से पहले ही पहुंच जा रहे हैं।
सिर्फ सरकारी दफ्तर ही नहीं, पिछले एक सप्ताह में वे दो बार जदयू कार्यालय में भी पहुंच गए और देखा कि कौन पार्टी नेता दफ्तर में हैं और कौन नहीं। वे कार्यकर्ताओं से भी मिले। पिछली बाक जब वे पहुंचे तो संयोग से पार्टी के सभी प्रमुख जिम्मेदार नेता मिले। उस समय सैकड़ों की संख्या में युवाओं को पार्टी की सदस्यता दी जा रही थी। मुख्यमंत्री उस कार्यक्रम में भी कुछ मिनट के लिए शामिल हुए और युवाओं के साथ फोटो भी खिंचवाया।
मुख्यमंत्री का यह नया तेवर पटना के सत्ता गलियारे में चर्चा का विषय बना है। लोग पूछ रहे हैं कि अचानक नीतीश कुमार ने दफ्तरों का औचक निरीक्षण क्यों शुरू कर दिया। कई नेताओं का मानना है कि वे बहुत जल्द लोकसभा चुनाव की तैयारी में विभिन्न प्रांतों का दौरा कर सकते हैं। इससे पहले वे बिहार के सरकारी बाबुओं की कार्य संस्कृति को पूरी तरह दुरुस्त कर देना चाहते हैं। मुख्यमंत्री की इस सक्रियता के कारण पार्टी में भी पहले से ज्यादा चुस्ती दिख रही है।
हालांकि मुख्यमंत्री ने अनुपस्थित अधिकारियों पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है, लेकिन कार्रवाई भी संभव है। उधर शिक्षा विभाग को आईएएस अधिकारी केके पाठक ने समयबद्ध कर दिया है। अब शिक्षा विभाग में सारे अधिकारी और बाबू समय पर दफ्तर में मिल जाएंगे और शाम तक काम करते देखे जा सकते हैं।
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