अमानवीय : शिक्षक अभ्यर्थी के गिरने के बाद भी ADM ने पीटा
पटना में प्रदर्शनकारी शिक्षक अभ्यर्थियों को पुलिस ने खदेड़ा। इस बीच एडीएम ने पुलिस का डंडा लेकर अभ्यर्थी को बुरी तरह पीटा। इस अधिकारी पर कार्रवाई करे सरकार।
आज पटना में CTET और BTET के अभ्यर्थी प्रदर्शन कर रहे थे। प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने खदेड़ दिया। आंदोलनकारियों को इस तरह खदेड़ना किसी सभ्य लोकतांत्रित देश की निशानी नहीं हो सकती, लेकिन लॉ एंड ऑर्डर देखनेवाले एडीएम तो बर्बर निकले। एक प्रदर्शनकारी सड़क पर गिर गया है। गिरने के बाद भी उसके चेहरे पर ताबड़तोड़ लाठी बरसा रहे हैं। एडीएम के पास लाठी नहीं होती। स्पष्ट है, उन्होंने किसी सिपाही से लाठी छीन ली होगी और खुद पिटाई करने लगे। जबकि इसकी कोई जरूरत नहीं थीं। लगता है, उनका मकसद प्रदर्शकारियों को तितर-बितर करना नहीं, बल्कि बुरी तरह पीट कर घायल कर देना है। ये अधिकारी अपनी ट्रेनिंग भूल चुके हैं और अपने पद के अहंकार में डूबे हैं। बिहार की महागठबंधन सरकार को इस बिगड़ैल अधिकारी के खिलाफ तुरत कार्रवाई करनी चाहिए।
इस एडीएम की बर्बरता का वीडियो देशभर में वायरल है। एडीएम की बर्बरता के कारण बिहारी की छवि किसी तानाशाह प्रदेश की तरह लग रही है। इस अधिकारी को फिर से ट्रेंनिग देने की जरूरत है, क्यों कि वे लोकसेवक की भूमिका को भूल चुके हैं। वैसे भी आजकल देश में बुलडोजर मॉडल की चर्चा है। बुलडोजर मॉडल का अर्थ ही है हर मांग को कुचल देना, विरोध की हर आवाज को बुलडोज कर देना।
ये बिहार की सरकार और उसके अधिकारी हैं. इन्होंने न सिर्फ शिक्षक अभ्यर्थी के सिर और चेहरे पर बेरहमी से लाठी मार कर लहूलुहान कर दिया बल्कि तिरंगे का भी अपमान किया. ये पटना के ADM (L&O) के. के. सिंह हैं. pic.twitter.com/0PVCn9BGNb
— Utkarsh Singh (@UtkarshSingh_) August 22, 2022
पत्रकार अजीत अंजुम ने कहा-नौकरी के लिए प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों पर लाठियां ? बेरोजगारी की मार झेल रहे युवाओं के साथ ऐसा बर्ताव क्यों ? जहां नौकरी और रोजगार के वादे हैं , वहां ADM की लाठी ? इस ADM को किस बात का गुमान है ? वर्दी वालों को बेरोजगारों का विरोध नाटक लग रहा है ?
लेखक अशोक कुमार पांडेय ने भी इस बर्बरता का विरोध करते हुए लिखा- किस क़ानून ने ADM को लाठी मारने का अधिकार दिया है? इस अफ़सर को क़ानूनन सज़ा मिलनी चाहिए।
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