उत्तर प्रदेश में गाजीपुर सीट पिता और पुत्री दोनों ने नामांकन किया है। पिता ने समाजवादी पार्टी से नामांकन किया है और बेटी ने समाजवादी पार्टी के साथ ही निर्दलीय भी पर्चा भरा है। गाजीपुर में इस रोचक स्थिति की वजह सूरत, इंदौर और खजुराहो है, जहां बड़ी संख्या में प्रत्याशियों के नामांकन रद्द कर दिए।
गाजीपुर में अफजाल अंसारी ने समाजवादी पार्टी से नामांकन दाखिल किया है। इसी सीट से उनकी बेटी नुसरत अंसारी ने भी नामांकन दाखिल किया। पहले बेटी ने नामांकन दाखिल किया। उस समय मुख्तार अंसारी के बेटे उमर भी मौजूद थे। समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष गोपाल यादव ने बताया कि नुसरत अंसारी का नामांकन बौकअप के तौर पर किया गया। अगर किसी कारण से अफजाल अंसारी का नामांकन रद्द हो जाता है, तो उस स्थिति में उनकी बेटी सपा प्रत्याशी हो जाएंगी।
दरअसल अफजाल अंसारी को एमपीएमएलए कोर्ट ने चार साल की सजा सुनाई। इस सजा के कारण ही अफजाल की सांसदी चली गई। बाद में वे सुप्रीम कोर्ट गए, जहां उन्हें राहत मिली। कोर्ट ने अफजाल की सजा पर रोक लगा दी और हाईकोर्ट में मामला फिर से भेज दिया। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट से यह भी कहा कि 30 जून तक मामले का निस्तारण करें। हाइकोर्ट में सोमवार को सुनवाई हुई, लेकिन मामला 20 मई तक के लिए टल गया।
अफजाल अंसारी के लिए मुश्किल यह है कि अगर 20 मई या उसके बाद उनकी सजा पहले की तरह ही बहाल रह गई, तो फिर वे चुनाव जीत कर भी सांसद नहीं रह पाएंगे। अगर सजा तीन साल से कम हो गई या सजा रद्द हो गई, तभी वे सांसद रह पाएंगे।
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फिलहाल गाजीपुर में माना जा रहा है कि अफजाल कोई रिस्क नहीं लेना चाहेंगे। वे अब बेटी नुसरत अंसारी को विरासत सौंप देंगे। अफजाल ने एक वीडियो भी जारी किया है, जिसमें बेटी का उन्होंने परिचय दिया। बेटी नुसरत अंसारी ने दिल्ली के प्रतिष्ठित लेडी श्रीराम कॉलेज से स्नातक किया है और टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज से पोस्ट ग्रेजुएशन किया है। उन्होंने ग्रामीण विकास विषय में एमए किया है।