अखिलेश ने 16 प्रत्याशियों की सूची जारी की, दिखाई PDA की झलक
अखिलेश ने 16 प्रत्याशियों की सूची जारी की, दिखाई PDA की झलक। इन प्रत्याशियों में यादव सिर्फ तीऩ। शेष अन्य कमजोर जातियों को दिया टिकट।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने चुनावी बिगुल फूंक दिया है। मंगलवार को उन्होंने लोकसभा चुनाव के लिए अपने प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर दी। इसमें सिर्फ तीन यादव जाति के प्रत्याशी हैं। शेष 13 प्रत्याशी अन्य पिछड़े तथा कमजोर वर्ग के प्रत्याशी हैं। इस पहली सूची से उनके पीडीए (पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक) समीकरण की झलक साफ दिखाई दे रही है। इस पहली सूची से ही सपा की रणनीति समझी जा सकती है।
पहली सूची में जिन प्रत्याशियों के नाम हैं उनमें संभल लोकसभा क्षेत्र से शफिकुर रहमान वर्क, फिरोजाबाद सीट से अक्षय यादव, मैनपुरी सीट से डिंपल यादव, एटा से देवेश शाक्य, बदायूं से धर्मेंद्र यादव, खीरी सीट से उत्कर्ष वर्मा, धरहरा सीट से आनंद भदौरिया, उन्नाव सीट से अनूप टंडन, लखनऊ सीट से रविदास मेहरोत्रा, फर्रुखाबाद क्षेत्र से डॉक्टर नवल किशोर शाक्य, अकबरपुर सीट से राजा राम पाल, बांदा सीट से शिव शंकर सिंह पटेल, फैजाबाद सीट से अवधेश प्रसाद, अंबेडकर नगर सीट से लालजी वर्मा, बस्ती सीट से राम प्रसाद चौधरी और गोरखपुर लोकसभा क्षेत्र से काजल निषाद को प्रत्याशी बनाया गया है।
पहली सूची जारी होते ही यूपी की राजनीति गरमा गई। अभी तक भाजपा की तरफ से प्रत्याशी घोषित नहीं किए गए हैं। स्पष्ट है कि अखिलेश यादव चुनावी तैयारी में आगे रहना चाहते हैं। इस सूची में अतिपिछड़ों, गैर यादव पिछड़ों को कई टिकट दिए हैं। इससे संकेत मिल रहा है कि इस बार वे पिछड़ों-अतिपिछड़ों के छोटे-छोटे समूहों को जोड़ना चाहते हैं। मुलायम सिंह की राजनीति में सपा एक ऐसी ही छतरी थी, जिसमें पिछड़ों के सभी जमात संगठित थे। मुलायम सिंह ने हमेशा सभी समूहों को जोड़ कर राजनीति की। अब अखिलेश यादव भी उसी दिशा में बढ़ते दिख रहे हैं। पहली सूची में शाक्य, पाल और वर्मा के नाम इसी ओर इशारा कर रहे हैं।
हाल में उन्होंने यूपी में कांग्रेस तथा रालोद के साथ समझौता होने की घोषणा की थी। कांग्रेस यूपी के 11 लोकसभा क्षेत्रों से चुनाव लड़ेगी। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा फरवरी मध्य में यूपी पहुंचेंगे। उनके यूपी पहुंचने के बाद सियासी पारा चरम पर पहुंचेगा।
गोदी मीडिया ने जिन्हें लापता बताया, वे मंत्रियों संग कर रहे मीटिंग