इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे की दे दी इजाजत
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे की दे दी इजाजत। क्या मथुरा का मुद्दा भी उठेगा? जानिए तीन दिन पहले योगी आदित्यनाथ ने क्या बात कही थी।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार को वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे की इजाजत दे दी। हाईकोर्ट ने अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी की याचिका खारिज कर दी और तत्काल एएसआई सर्वे शुरू करने का आदेश दिया। कोर्ट ने एएसआई को यह भी आदेश दिया कि वह पता करे कि मस्जिक के निर्माण से पहले क्या वहां मंदिर था। इंतजामिया कमेटी ने वाराणसी की स्थानीय अदालत के ज्ञानवापी मस्जिद के वैज्ञानिक सर्वे, जांच और खुदाई के लिए एएसआई को दिए आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।
इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर ने यह आदेश दिया। इससे पहले उन्होंने 27 जुलाई को कहा था कि हाईकोर्ट के फैसले तक ज्ञानवापी मस्जिद में कोई सर्वे नहीं किया जाएगा।
तीन दिन पहले प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि मस्जिद में त्रिशूल कहां से आया। हमने तो नहीं रखा। मुस्लिम समाज को खुद ही आगे आना चाहिए और ऐतिहासिक गलती को सुधारना चाहिए। कहना चाहिए कि गलती हुई है और हम समाधान चाहते हैं। उसके बाद से ही मस्जिद को लेकर राजनीति गरमाई हुई थी। अब हाईकोर्ट के फैसला भी आ गया।
वाराणसी के जिलाधिकारी एस राजालिंगम ने कहा कि एएसआई कल शुक्रवार से सर्वे का काम शुरू करेगा। उसने जिला प्रशासन से सहयोग मांगा है। उसे जो भी सहयोग की जरूत होगी, मुहैया कराई जाएगी। कोर्ट के इस फैसले के बाद सवाल उठ रहे हैं कि क्या अब मथुरा का मामला भी उठेगा।