सूत्रों से आई ख़बर ने वाल्मीकिनगर लोकसभा क्षेत्र में सनसनी मचा दी है। खबर है कि पूर्व एडीजी, भारत सरकार तथा बाबु धाम ट्रस्ट के संस्थापक एपी पाठक पर बहुजन समाज पार्टी (BSP) वाल्मीकिनगर लोकसभा क्षेत्र से प्रत्याशी बनाने के लिए गिद्ध नज़र गड़ाए बैठी है और संभवतः एपी पाठक BSP से वाल्मीकिनगर लोकसभा चुनाव लड़ सकते है।

बहुजन समाज पार्टी के आलाकमान और साथ ही बसपा का बिहार प्रदेश नेतृत्व श्री एपी पाठक से लगातार संपर्क में है ताकि उनको वाल्मीकिनगर लोकसभा से प्रत्यासी बनाया जा सकें। क्योंकि एपी पाठक की छवि “गरीबों के मसीहा” और “विकासशील पुरुष “के रूप में है जिसको बसपा भुनाना चाहती है। संवाददाताओं ने जब बिहार बसपा के प्रदेश नेतृत्व से संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि एपी पाठक वाल्मीकिनगर लोकसभा से हमारे पार्टी के सिंबल पर लड़े तो मुख्य लड़ाई में रहेंगे और विजयश्री प्राप्त करेंगे क्योंकि वाल्मीकिनगर लोकसभा में करीब 2 लाख ब्राह्मण और दलित व अनुसूचित जनजाति करीब 3 लाख और इतने ही मुस्लिम वोट भी है। बसपा का समीकरण दलित ,मुस्लिम और ब्राह्मणों को एक साथ साधने की है।एनडीए और महागठबंधन द्वारा किसी ब्राह्मण को प्रत्यासी नहीं बनाने से ब्राह्मण मतदाता भी नाराज है और ऐसे में वो एपी पाठक के साथ जा सकते है उस परिस्थिति में दलित, मुस्लिम और ब्राह्मण तीनों बहन मायावती की हाथी की सवारी कर सकते है।

ऐसे में वाल्मीकिनगर लोकसभा चुनाव का परिदृश्य ही बदल सकता है। ये बात सोच दोनो मुख्य पार्टियां और उनके प्रत्यासी घबराहट के मुद्रा में है। हालांकि संवाददाताओं ने जब एपी पाठक से संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि बहुजन समाज पार्टी का बहुत दबाव उनको आ रहा है साथी ऑफर भी ,परंतु वो इसपर वाल्मीकिनगर लोकसभा क्षेत्र के जनता से विचार विमर्श कर ही निर्णय लेंगे।

यह सर्विदित है कि एपी पाठक पिछले डेढ़ दशकों से अधिक समय से वाल्मीकिनगर लोकसभा के हर गांव गए , हर पंचायत गए और जनता के बीच रहकर लगातार उनकी सेवा किए जिससे जनता उनको सर माथे पर रखी। जनता जनार्दन भी अबकी बार एपी पाठक जी को बसपा के उम्मीदवार के तौर पर उनको वोट देकर सांसद बना दिल्ली भेजना चाहती है। वाल्मीकिनगर लोकसभा क्षेत्र की जनता खुद को ठगा महसूस कर रही है क्योंकि दोनो मुख्य पार्टियों ने प्रत्यासी चयन में योग्य और सही प्रत्यासी का चयन नहीं किया है। यह सर्वविदित है कि वाल्मीकिनगर लोकसभा सीट यदि भाजपा खेमे में होता तो निःसंदेह एपी पाठक ही प्रत्याशी होते। परंतु जदयू ने यहां परिवारवाद को बढ़ावा देने के लिए यह सीट भाजपा को लेने नहीं दिया।

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महागठबंधन प्रत्याशी बाहरी हैं और गन्ना उद्योग चलाते हैं । यह सभी को ज्ञात है कि उनके गन्ना उद्योग से वाल्मीकिनगर के किसानों को कितनी फायदा हुआ अथवा यहां के कितने युवाओं को रोजगार हुआ। दोनो प्रत्याशियों से बेहतर और कर्मठ पुर्व एडीजी भारत सरकार एपी पाठक जी है जिन्होंने दशकों से वाल्मीकिनगर लोकसभा के सड़क व्यवस्था, शिक्षा, महिला सशक्तिकरण,हजारों युवाओं को रोजगार, मेडिकल कैंप, वृद्धा पेंशन कैंप आदि के माध्यम से गरीबों की सेवा करते आ रहे है। ऐसे में एपी पाठक यदि वाल्मीकिनगर लोकसभा चुनाव लड़ते है तो ऐसे में वाल्मीकिनगर लोकसभा चुनाव का परिदृश्य ही बदल सकता है।

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