अरसे बाद झुकी हरियाणा सरकार, किसानों की बड़ी जीत

तीन कृषि कानूनों के खिलाफ छह महीने संघर्ष कर रहे किसानों को आज हरियाणा में बड़ी जीत मिली। आज हिसार में हजारों किसानों के सामने प्रशासन को झुकना पड़ा।

कुमार अनिल

आपको याद होगा पिछले 16 मई को हरियाणा में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की सभा का विरोध करने पर पुलिस ने भारी दमन किया था। आंसू गैस के गोले छोड़े थे। लाठी चार्ज किया था। सैकड़ों किसान घायल हुए थे। प्रसासन ने बाद में 300 से अधिक किसानों पर मुकदमा कर दिया था।

आज हिसार में उसी पुलिस दमन के खिलाफ हजारों की संख्या में किसान जुटे। सबह प्रशान ने 3000 से ज्यादा पुलिसकर्मियों को बुला लिया था। तनाव की स्थिति बन गई थी, लेकिन किसान इससे डरे नहीं और देखते-देखते पुलिस के डराने के प्रयासों के बावजूद जमा हो गए। बाद में प्रशासन को झुकना पड़ा। किसानों से बात करनी पड़ी और उनकी सारी मांगे माननी पड़ीं।

किसान एकता मोर्चा ने कहा-हिसार में किसानों की जीत हुई। पुलिस द्वारा लाठीचार्ज की प्रशासन ने माफी मांगी। इसके साथ ही हिसार में हुए लाठीचार्ज में जितने भी साथियों पर मुकदमे हुए वह रद्द किए जाएंगे। आज शहीद किसान साथी के परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाएगी। जो किसानों की गाड़ियां तोड़ी गई वह ठीक करवाई जाएगी।

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छह महीने में ऐसा पहली बार हुआ है, जब भाजपा सरकार को किसानों से माफी मांगनी पड़ी। किसानों में इस जीत से खुशी की लहर फैल गई।

वहीं किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि तीन कृषि कानूनों के खिलाफ उनका आंदोलन जारी है। 26 मई को आंदोलन के छह महीने पूरे होने पर देशभर के किसान विरोध प्रदर्शन करेंगे। काला बिल्ला लगाएंगे। आज हिसार में किसानों की जीत से उनके हैसले बढ़े हैं। इसके बाद 26 मई को होनेवाले कार्यक्रम में उत्साह बढ़ गया है। माना जा रहा है कि केंद्र की मोदी सरकार अब अपने रुख पर कायम रहकर अपना ही नुकसान कर रही है। कोविड के बावजूद किसानों का आंदोलन जारी है। बंगाल में मिली हार को भी एक कारण माना जा रहा है।

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