आर्यन राग खत्म, अब सहवाग का क्रिकेट में पटाखा राग
पेट्रोल, महंगाई, बेरोजगारी के दर्द को भुलाने के लिए पहले टीवी पर आर्यन खान था, अब नया राग शुरू हो गया। सहवाग ने छेड़ा पाकिस्तान की जीत पर पटाखे का राग।
लेखक और पौराणिक विज्ञानी देवदत्त पटनायक ने कहा-वूहू… ध्यान बॉलीवुड से हट गया… क्रिकेट पर… जबकि पेट्रोल की कीमतें अभी भी बढ़ रही हैं, भूख अभी भी बढ़ रही है, बेरोजगारी अभी भी बढ़ रही है …. हिंदुत्व को लगता है कि यह इतना स्मार्ट है क्योंकि यह आसानी से अपने मतदाताओं को मूर्ख बना सकता है।
दरअसल आज पूर्व क्रेकटर वीरेंद्र सहवाग ने ट्वीट किया- दिवाली में पटाखों पर प्रतिबंध रहता है, लेकिन कल देश के कुछ हिस्सों में पाकिस्तान की जीत पर पटाखे फूटे। अच्छा, वे क्रिकेट की जीत पर पटाखे फोड़ रहे थे। तो दिवाली में पटाखे फोड़ने में क्या हानि है? सारा ज्ञान तभी याद आता है।
सहवाग इस ट्वीट के बाद ट्रेंड करने लगे। अनेक लोगों ने सहवाग के इस ट्वीट पर आश्चर्य व्यक्त किया है, कई ने जोरदार आलोचना की। कई ने इसे पेट्रोल की कीमतों से ध्यान बंटाने, यूपी चुनाव में नया एजेंडा सेट करने की बाबत घेरा। आपको याद होगा, बंगाल चुनाव से पहले कहा जा रहा था कि ममता बनर्जी दुर्गा पूजा करने नहीं देतीं। अब यूपी का चुनाव होना है, देखिए क्या-क्या होता है। समझदारी से काम नहीं लिया, तो नफरती राजनीति आपस में लड़ाकर वोट ले लेगी। कल तक टीवी में आर्यन खान छाया था, अब पटाखों में पेट्रोल का दर्द भुलाने की कोशिश शुरू हो गई है।
पत्रकार अजीत अंजुम ने ट्वीट किया-आपको क्या है @virendersehwag ? आप हीरो होकर विलेन जैसी बात क्यों कर रहे हैं ? नफरत फैलाने की लिस्ट में अपना नाम क्यों शामिल करना चाहते हैं ? पत्रकार प्रज्ञा तिवारी ने व्यंग्य में लिखा-अगर सहवाग ने नहीं बताया होता, तो मैं कभी जान नहीं पाती कि लाजपत नगर की आंटियां, जिन्होंने चांद देखने के बाद पटाखे फोटो, वे पाकिस्तानी टीम की समर्थक हैं।
भारत और पाकिस्तान की राजनीति कितनी मिलती जुलती है, इसका नमून पेश किया पाकिस्तान के एक मंत्री शेख रसीद ने। उन्होंने कहा कि भारत पर पाकिस्तान की जीत इस्लाम की जीत है। इस पर लेखक अशोक पांडेय ने कहा-खेल है भैये। कल हार जाएँगे लड़के तो इस्लाम की हार हो जाएगी? क्यूँ अपनी इन बेवक़ूफ़ियों से सबका जीना हराम कर रहे हो?