आश्चर्य : PM के गुजरात में खेत मजदूरों को बिहार से कम मजदूरी
क्या आप जानते हैं कि खेत मजदूरों को देश में सबसे कम मजदूरी किस प्रदेश में मिलती है? आश्चर्य, लेकिन सत्य है। गुजरात में बिहार से भी कम मजदूरी।
कुमार अनिल
सत्य कड़वा है, लेकिन आपको मानना ही पड़ेगा। देश में खेत मजदूरों को सबसे कम मजदूरी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृह प्रदेश गुजरात में मिलता है। यह आंकड़ा किसी एनजीओ का नहीं है, आंकड़ा दिया है आरबीआई ने। देश में सबसे ज्यादा मजदूरी विपक्ष के एक इंजन वाले केरल में मिलता है। साथ ही जम्मू कश्मीर भी इस मामले में केरल के साथ है।
पूरे देश ने खास कर बिहार ने गुजरात मॉडल के नाम पर कई बार वोट दिया। भाजपा नेताओं और प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार की जनता को बार-बार बताया कि गुजरात में स्वर्ग है। वहां हर कोई खुशहाल है। गरीब तो है ही नहीं। बिहार ने आंख मूंद कर विश्वास किया। अब सच्चाई सामने आई कि वहां देश में सबसे कम मजदूरी खेत मजदूरों को दी जाती है। कम मजदूरी देने में गुजरात के साथ ही मध्य प्रदेश की डबल इंजन की सरकार भी है।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के अनुसार भाजपा शासित जबल इंजन वाले मध्य प्रदेश में खेत मजदूरों को 217 रुपए मिलते हैं। गुजरात में 220 रुपए मिलते हैं। पिछले साल गुजरात में 213 रुपए देश में सबसे कम मिलते थे। मध्य प्रदेश में पिछले साल भी 217 रुपए ही मिलते। महंगाई बढ़ी, पर मजदूरी नहीं बढ़ी।
Today's Indian Express: “According to data compiled by the Reserve Bank of India (RBI), farmers in the states of Gujarat and Madhya Pradesh get the lowest daily wages in the country, while farmers in Kerala and J&K get the highest daily wages.” pic.twitter.com/2hqkpRM746
— Advaid അദ്വൈത് (@Advaidism) November 23, 2022
आरबीआई के आंकड़े के अनुसार बिहार में खेत मजदूरों को 290 रुपए मिलते हैं। गुजरात से रोज 70 रुपए ज्यादा। पिछले साल बिहार में 272 रुपए मजदूरी थी।
केरल मजदूरों को मजदूरी देने के मामले में देश में अव्वल है। वहां खेत मजदूरों को 726 रुपए रोजाना मिलता है। जम्मू-कश्मीर में 524 रुपए तथा तमिलनाडु में 445 रुपए मिलता है। देश में खेत मजदूरों की औसत मजदूरी 323 रुपए है। हालांकि बिहार भी राष्ट्रीय औसत से नीचे है, पर गुजरात में गरीब का हाल बेहाल है।
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