अतिपिछड़ी जाति की सरपंच बिंदु की रिहाई के लिए प्रदर्शन
अतिपिछड़ी जाति की सामाजिक कार्यकर्ता सामान्य सीट से सरपंच बन जाए, तो दबंग भला कैसे बरदाश्त करेंगे? बिंदु को इसी कारण फंसाया गया। रिहाई के लिए प्रदर्शन।
प्रगतिशील सामाजिक कार्यकर्त्ता और छपरा जिला अंतर्गत परसा थाना की सगुनी पंचायत की लोकप्रिय सरपंच बिंदु देवी की अवैध गिरफ्तारी के विरोध में लोकतांत्रिक जन पहल के बैनर तले आज पटना के डाकबंगला चौराहा पर प्रतिरोध प्रदर्शन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल थीं ।
प्रदर्शन में लोग नारे लगा रहे थे बिंदु देवी पर से फर्जी मुकदमा रद्द करो, बिंदु देवी को बिना शर्त रिहा करो, परसा थाना प्रभारी को निलंबित करो, छपरा एसपी को दंडित करो।
उल्लेखनीय है कि सरपंच बिंदु देवी को उनके गृह गांव में हुए आपसी विवाद में राजनीतिक साजिश के तहत कुछ दबंगों द्वारा जान-बूझ कर फर्जी मुकदमें फंसाया गया ताकि वे फिर से सरपंच का चुनाव लड़ने का साहस न करें ।
बिन्दु देवी स्वयं अतिपिछड़ी जाति से आती हैं लेकिन वे सामान्य सीट सगुनी पंचायत से पिछला चुनाव जीती थीं । वे ईमानदार ,कर्मठ और जुझारू महिला नेता हैं । उनके सरपंच काल में पंचायत और थाना के भ्रष्ट लोगों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा । इसलिए बिंदु देवी को फर्जी मुकदमें में फंसाया गया । मुकदमा में कई मर्दों के भी नाम है । यह काउंटर केश है लेकिन परसा थाना की पुलिस केवल बिंदु देवी को गत 24 अक्तूबर को सूर्यास्त के बाद देर शाम को गिरफ्तार कर ले गई ।
पुलिस के द्वारा को गई यह करवाई पूरी तरह अवैध है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि सूर्यास्त के बाद पुलिस किसी भी स्थिति में महिला को गिरफ्तार नहीं कर सकती है ।
आपसी विवाद की घटना के बाद बिंदु देवी को आशंका थी कि लोग उसे फंसा सकते हैं इसलिए उन्होंने एक लिखित आवेदन परसा थाना के प्रभारी और छपरा जिला के एसपी को व्हाट्सएप के माध्यम से तुरंत भेजडिया था जिसका अवलोकन दोनों ने तुरंत किया । लिकिन जब आवेदन की हार्ड कॉपी वे थाना में देने गई तो थाना में मौजूद पुलिसकर्मी ने लेने से इन्कार किया । काफी हुज्जत के बाद थाना ने आवेदन लिया। बावजूद इसके पुलिस बिंदु को बाद में घर से गिरफ्तार कर है।
प्रतिरोध प्रदर्शन में शामिल प्रमुख लोगों में सुधा वर्गीज, तबस्सुम अली, अर्सिता, फ्लोरिन, रेहाना खातून, बेबी कुमारी, प्रियदर्शी, एम के निराला, अनुपम प्रियदर्शी, अशोक कुमार एडवोकेट, विनोद रंजन, निर्मल नंदी, कृष्ण मुरारी, मिथिलेश, मनीष रंजन, महेंद्र यादव, सचिन, मिनतुल्लाह सिद्दीकी और शौकत अली और सत्य नारायण मदन, संयोजक हैं।
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