बेनिफिट ट्रांसफर में बिहार अव्वल, 4 करोड़ लोगों को मिलते हैं 18 हजार करोड़
बेनिफिट ट्रांसफर में बिहार अव्वल, 4 करोड़ लोगों को मिलते हैं 18 हजार करोड़। DBT (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रासंफर) में समाज कल्याण विभाग की बड़ी उपलब्धि।
बिहार में टेक सम्मेलन के अंतिम दिन समाज कल्याण विभाग के सचिव प्रेम सिंह मीणा ने कहा कि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के तहत राज्य में 4 करोड़ लोगों को 18 हजार करोड़ रुपए दिए जाते हैं। बस एक बटन दबाते ही चार करोड़ लोगों को विभिन्न तरह की पेंशन, छात्रवृत्ति व अन्य योजनाओं की राशि मिल जाती है। यह राशि उनके खाते में पहुंच जाती है। इसमें कोई बिचौलिया नहीं होता और पूरा लाभ लाभार्थी को मिल जाता है। खास बात यह कि DBT में बिहार यूपी जैसे बड़े राज्य से भी आगे है। इस मामले में बिहार अव्वल है।
समाज कल्याण विभाग के सचिव ने रोचक तरीके से कहा कि नई पीढ़ी के आईएएस अधिकारियों को प्री डीबीटी और आफ्टर डीबीटी दौर के फर्क का अंदाजा नहीं होगा। पहले यह राशि पंचायत और ब्लॉक के माध्यम से दी जाती थी, जिसमें महीनों लग जाते थे। जब हम किसी जिले में विजिट करने जाते थे, तो लोग शिकायत के लेकर पहुंच जाते थे कि वृद्धा पेंशन नहीं मिला कि छात्रवृत्ति नहीं मिली। कई बार लॉ एंड आर्डर की समस्या खड़ी हो जाती थी, लेकिन आज हम जाएं, तो कोई शिकायत लेकर आनेवाला नहीं होता। डायरेक्ट बेनिफिट ट्रासंफर के कारण 1800 करोड़ रुपए की बचत होती है। मानव श्रम की बच होती है।
बिहार सरकार के आईटी विभाग की तरफ से आयोजित दो दिवसीय टेक सम्मेलन का आयोजन राजधानी पटना के अधिवेशन भवन में किया गया था। विभाग के प्रधान सचिव संतोष कुमार मल्ल ने इस टेक सम्मेलन की पूरी योजना बनाई थी। भूमि सुधार विभाग के सचिव जय सिंह ने कहा कि अब दाखिल खारिज हो या जमीन संबंधी अन्य मामले अब सब कुछ डिजिटाइज किया जा रहा है। सारे कार्य अब आसानी से हो रहे हैं।
टेक सम्मेलन में साइबर क्राइम, साइबर फ्रॉड से बचने के लिए आम लोगों को कुछ जरूरी जानकारी देने पर भी चर्चा हुई।
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