भारत जोड़ो यात्रा में महात्मा गांधी के परपोते तुषार गांधी भी
महात्मा गांधी के पर पोते तुषार गांधी शुक्रवार को भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हुए। दोनों पैर गंवा चुके सैनिक अधिकारी, थियेटर आर्टिस्ट मोना अंबेगांवकर भी चले।
#BharatJodoYatra में रोज कोई-न-कोई प्रमुख हस्ती शामिल हो रही है। फिल्म अभिनेत्री रिया सेन एक दिन पहले पदयात्रा करती दिखी थीं। शुक्रवार को महात्मा गांधी के परपोते तुषार गांधी राहुल गांधी के साथ पैदल चलते दिखे। सुबह लगातार चार घंटे पदयात्रा के बाद जब यात्रा रुकी, तो राहुल गांधी ने अपने दोनों पैर गंवा चुके सेना के अधिकारी से मिले। उस वक्त भी तुषार गांधी साथ थे। यात्रा में शामिल होने वालों में थियेटर जगत की प्रमुख हस्ती मोना आंबेगांवकर भी थीं। वे भी राहुल गांधी के साथ पैदल चलती रहीं।
इससे पहले गुरुवार को राहुल गांधी ने सावरकर के उस पत्र को दिखाया था, जिसमें सावरकर ने अंग्रेजों से माफी मांगी थी और कहा था कि अगर मुझे माफ किया जाएगा, तो वे ताजिंदगी अंग्रेजी शासन के नौकर रहेंगे। सावरकर को 50 साल की सजा हुई थी, लेकिन अंग्रेजों ने लगभग दस साल के बाद ही उन्हें छोड़ दिया। जेल से निकलने के बाद वे कभी अंग्रेजी सरकार के खिलाफ एक धरना-प्रदर्शन तक नहीं किया, बल्कि मुस्लिम लीग के साथ मिल कर कई प्रांतों में सरकार बनाई।
Great grandson of Mahatma Gandhi and author Tushar Gandhi joined Rahul Gandhi in #BharatJodoYatra today. pic.twitter.com/tOvLZyzh24
— Shubhankar Mishra (@shubhankrmishra) November 18, 2022
सावरकर को वीर और क्रांतिकारी मानने से इनकार करने पर कई लोग नाराज हो गए। वे कल से राहुल गांधी को ट्रोल कर रहे हैं। माफी वाली चिट्ठी पर भाजपा समर्थक सावरकर को चतुर क्रांतिकारी कहते हैं। कई लोगों ने पूछा कि तो क्या भगत सिंह बेवकूफ क्रांतिकारी थे, जो उन्होंने कहा कि उन्हें गोली मार दी जाए। राहुल ने सावरकर और बिरसा मुंडा में तुलना करते हुए कहा था कि बिरसा अंग्रेजों से लड़ते हुए शहीद हुए, लेकिन झुके नहीं। सावरकर बार-बार माफी मांगते रहे। बाद में उनका नाम महात्मा गांधी की हत्या में भी आया था।
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