भाजपा का यादव सम्मेलन : 21 हजार का दावा, आए पांच हजार, यादव आधे से भी कम
भाजपा का यादव सम्मेलन : 21 हजार का दावा, आए पांच हजार, यादव आधे से भी कम। राजद के जनाधार में सेंध लगाने की कोशिश नाकाम। सोशल मीडिया पर मजाक बना।
बिहार भाजपा ने काफी तैयारी और प्रचार के बाद पटना में यादव सम्मेलन किया। पार्टी नेताओं ने कहा कि 21 हजार से ज्यादा लोग आए। जबकि जहां सम्मेलन हुआ, उस बापू सभागार में पांच हजार से ज्यादा लोग बैठ ही नहीं सकते। जो पांच हाजर लोग आए, उनमें भी आधे से ज्यादा गैर यादव जातियों के लोग थे। नौकरशाही डॉट कॉम को विभिन्न जिलों से जो जानकारी मिली, उसके अनुसार पिछड़ी, अतिपिछड़ी सभी जातियों के लोगों को लाने की तैयारी थी। इसका मतलब है कि भाजपा को पहले से मालूम था कि उसके लिए पांच हजार यादवों को पटना में जुटाना संभव नहीं है।
भाजपा के यादव सम्मेलन में देशभर में जाति जनगणना कराने के सवाल पर कोई बात नहीं हुई। नवंबर में ही गृह मंत्री अमित शाह मुजफ्फरपुर आए थे, वहां उन्होंने कहा था कि बिहार में जाति गणना में यादवों की संख्या को जानबूझ कर बढ़ा-चढ़ा कर दिखाया गया। इससे कई यादवों में नाराजगी भी दिखी।
भाजपा के यादव सम्मेलन में बिहार भाजपा के सभी प्रमुख नेता उपस्थित थे। यादव सम्मेलन गोवर्धन पूजा के नाम पर बुलाया गया था, लेकिन पूरे सम्मेलन में सिर्फ लालू प्रसाद यादव को टारगेट किया गया, इससे सम्मेलन में उपस्थित कई लोग नाराज दिखे। भाजपा नेताओं ने लालू प्रसाद को निशाने पर लेने के साथ ही दावा किया कि अगर 2025 में उनकी सरकार बनी, तो गौ-हत्या पर प्रतिबंध लगाया जाएगा।
भाजपा नेताओं ने यादवों की सत्ता में हिस्सेदारी, आर्थिक विकास जैसे मुद्दे पर बात नहीं की, बल्कि अयोध्या में राम मंदिर बनने की चर्चा ज्यादा करते रहे। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि अयोध्या की तरह ही मथुरा में भगवान कृष्ण का भव्य मंदिर बनाया जाएगा।
इधर सोशल मीडिया में भाजपा ने #यादवों_की_उम्मीद_मोदी ट्रेंड कराने की कोशिश की, लेकिन इस हैशटैग पर भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ ही ज्यादा ट्वीट देखे जा सकते हैं। एक ने कहा कि भाजपा आईटी सेल वाले गलत ट्रेंड करा रहे हैं। मोदी की उम्मीद यादवों से होना चाहिए था।
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