प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा लोकसभा चुनाव हार रही है। सपा प्रमुख Akhilesh Yadav ने आज पूरी क्रोनोलॉजी समझा दी। उन्होंने कहा कि सबसे पहले महंगाई, बेरोज़गारी, भ्रष्टाचार की वजह से आम जनता ने भाजपा का साथ छोड़ा। इसके बाद संविधान और आरक्षण को ख़त्म करने की साज़िश रचनेवाली भाजपा के ख़िलाफ़ शोषित, दमित, वंचित लोगों ने भाजपा का साथ छोड़ा। ⁠फिर किसानों को भी लगा कि जो हमारे ख़िलाफ़ काले क़ानून लाए, जिन्होंने रास्ते में कील-कांटे बिछाए उन किसान-विरोधियों का साथ क्या देना। इसके बाद युवाओं को भी लगा कि जो नौकरी-रोज़गार को षड्यंत्र रचकर ख़त्म कर रहे हैं, उनको वापस लाकर अपना भविष्य बर्बाद क्यों करना। ⁠फिर महिलाओं को भी लगा कि जो मणिपुर, कानपुर देहात, उन्नाव, कर्नाटक और खेल तक में हो रहे नारी के अभूतपूर्व अत्याचार पर नहीं बोल रहे हैं उनपर भरोसा करना, ख़ुद को धोखा देना है। ⁠फिर पूँजीपतियों को लगा कि जो घोड़ा जीत नहीं रहा उसको दाना-पानी क्यों डाला जाए। ⁠फिर मीडिया को लगा कि हारनेवाले के गीत क्यों गाए जाएं। ⁠फिर ख़ुद भाजपा को लगा कि जब सब मिलकर हमें हरा रहे हैं, तो जाते-जाते अपनी हार का ढीकरा दूसरों पर डालकर, ऐतिहासिक हार की शर्मिंदगी से कैसे बचा जाए तो वो अपनी नाव में ही छेद करने लगे क्योंकि उन्हें लगा हार का सामना करने से अच्छा डूबना है। सारांश यह है कि भाजपा सत्ता से बाहर हो रही है।

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नौकरशाही डॉट कॉम समझता है कि सपा प्रमुख Akhilesh Yadav ने जिस प्रकार टिकटों का बंटवारा किया, अतिपिछड़ों को मौका दिया और पीडीए को लागू किया उसने भी भाजपा की हार को निश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका है। उप्र से लोस की 80 सीटें हैं, जहां भाजपा 80 में 80 का नारा लगा रही थी, लेकिन पीडीए ने उनके नारे की हवा निकाल दी।

लालू के पुराने सहयोगी और जदयू के पूर्व सांसद राजद में शामिल

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