सुप्रीम कोर्ट के दो पूर्व जजों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी को पत्र लिख कर खुले मंच पर डिबेट के लिए आमंत्रित किया है। सुप्रीम कोर्ट के दो पूर्व न्ययाधीश जस्टिस मदन लोकुर तथा जस्टिस एपी शाह तथा अंग्रेजी अखबार द हिंदू के वरिष्ठ पत्रकार एन राम ने पत्र लिख कर दोनों नेताओं से खुले मंच पर डिबेट का आमंत्रण दिया है, ताकि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के मतदाताओं को निर्णय लेने में आसानी हो।

देश के वरिष्ठ नागरिकों ने मोदी और राहुल को लिखे पत्र में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस पर कई सवाल उठाए हैं। आरक्षण, धारा 370 और संपत्ति का फिर से बंटवारा जैसे सवाल उठाए हैं। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भाजपा पर संविधान को खत्म करने की कोशिश का आरोप लगाया है। एलोक्टोरल बॉन्ड तथा चीनी सेना के घुसपैठ को लेकर सवाल किए हैं। दोनों दल अपनी-अपनी बात चुनाव घोषणापत्र में करते हैं, लेकिन एक दूसरे पर उठ रहे सवालों के जवाब साफ नहीं दे रहे हैं। सिर्फ आरोप लगाए जा रहे हैं। इस स्थिति में बेहतर होगा कि दोनों दलों के प्रमुख नेता प्रधानमंत्री मोदी और राहुल गांधी एक मंच पर आएं और इन सवालों के सदाब दें। संविधान में सामाजिक न्याय की संरक्षा का वादा किया गया है, उस पर अपना मत स्पष्ट करें। इससे देश के मतदाताओं के सामने पूरी बात स्पष्ट हो सकेगी और वे बेहतर निर्णय ले सकेंगे। इससे हमारा लोकतंत्र मजबूत होगा।

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क्या प्रधानमंत्री मोदी और राहुल गांधी देश के तीन वरिष्ठ और स्मानित नागरिकों का आमंत्रण स्वीकार करेंगे? भारत को लोकतंत्र की जननी कहते हम थकते नहीं, लेकिन क्या आरोप-प्रत्यारोप से लोकतंत्र मजबूत होगा या आमने-सामने डिबेट से। उस डिबेट को पूरा देश देख सकेगा। पत्र के अंत में यह भी कहा है कि अगर दोनों नेता खुद नहीं आ सकते, तो अपनी तरफ से प्रतिनिधि बी भेजें।

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