बोस परिवार ने मोदी के अलावा किसी भाजपाई को घुसने नहीं दिया

नेताजी सुभाषचंद्र बोस के परिजनों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घर में आने दिया, पर किसी भाजपाई नेता को घुसने नहीं दिया। आखिर क्यों?

कुमार अनिल

नेता जी सुभाषचंद्र बोस के परिजनों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने घर में प्रवेश की इजाजत दी, पर भाजपा के बड़े-बड़े नेताओं को घर में प्रवेश नहीं करने दिया। सारे भाजपाई नेता कोलकाता के एल्जिन रोड स्थित सुभाषचंद्र बोस के घर नेताजी भवन के बाहर ही खड़े रहे।

सुभाषचंद्र बोस के परिजन नेता जी के नाम का राजनीतिक इस्तेमाल करने के सख्त विरोध में हैं। द टेलिग्राफ की खबर के अनुसार नेता जी के पोते सुगाता बोस को शनिवार दोपहर 1 बजे पीएमओ से फोन आया कि कि प्रधानमंत्री नेताजी भवन आना चाहते हैं। कहा गया कि उनके साथ भाजपा के नेता भी रहेंगे। सुगाता बोस देश के चर्चित इतिहासकार हैं। वे नेताजी रिसर्च ब्यूरो के भी प्रमुख हैं। उन्होंने जवाब दिया कि नरेंद्र मोदी का प्रधानमंत्री के बतौर स्वागत है, पर उनके साथ किसी भाजपा नेता को घर में आने नहीं दिया जाएगा। उन्होंने पीएमओ से यह भी कहा कि प्रधानमंत्री के आने का राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए।

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प्रधानमंत्री नेताजी भवन में गए और भाजपा नेता विजय वर्गीज, राज्यसभा सदस्य स्वपन दासगुप्ता सहित अनेक नेता बाहर ही खड़े रहे। इस दौरान नेताजी भवन के बाहर जयश्रीराम के नारे भी लगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेताजी भवन जाने के बाद भाजपा नेताओं ने यह बयान दिया कि लालबहादुर शास्त्री के बाद नरेंद्र मोदी केवल दूसरे प्रधानमंत्री हैं, जो नेताजी के घर गए। इस पर सुगाता ने इस दावे का खंडन किया और कहा कि 1995 में तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव नेताजी भवन आ चुके हैं।

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सुगाता बोस की पुस्तक हिज मेजेस्टीज अपोनेंट के कई उद्धरण कल सोशल मीडिया में छाये रहे। उसी पुस्तक का एक उद्धरण कल नौकरशाही डाट काम ने भी प्रकाशित किया था। नेता जी को सिंगापुर के एक मंदिर से बुलावा आया। नेताजी ने मंदिर में जाने से मना कर दिया, क्योंकि वहां प्रवेश के लिए भेदभावपूर्ण प्रथा और नियम था। बाद में जब मंदिर समिति ने नियम बदले और किसी भी धर्म और जाति के लोगों के लिए प्रवेश की छूट दी, तब नेता जी मंदिर गए। उनके साथ उनके दो मुस्लिम सहयोगी भी मंदिर गए।

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