ब्रिटिश अखबार ने सेंट्रल विस्टा को दानवी स्मारक बताया
महामारी में सेंट्रल विस्टा बनाने पर ब्रिटिश अखबार ने इतने कड़े शब्दों में प्रधानमंत्री की आलोचना की, जितना किसी ने नहीं किया होगा। राहुल ने भी कही बड़ी बात।
कुमार अनिल
जब महामारी से निबटने के लिए भारत दूसरे देशों से मदद पाने का प्रयास कर रहा है, उसी समय सेंट्रल विस्टा, जिसमें प्रधानमंत्री का नया आवास भी शामिल है, तेजी से बन रहा है। इसमें हजारों करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। अब इसकी चर्चा विदेशों में भी होने लगी।
ब्रिटिश अखबार मेल ने प्रधानमंत्री मोदी की बेहद कड़े शब्दों में आलोचना की है। अखबार ने सेंट्रल विस्टा को मोदी का मॉन्सट्र्स मॉनुमेंट ( दानवी या भद्दा स्मारक) कहा है। अखबार ने प्रधानमंत्री को शेमलेस डेमोगॉग भी कहा है। मेल लिखता है कि जब भारत में हजारों लोग महामारी से बिना इलाज के मर रहे हैं, तब आत्ममुग्ध मोदी ऐसा सेंट्रल विस्टा बना रहे हैं, जिससे 40 विशाल अस्पताल बनाए जा सकते थे। ब्रिटिश अखबार ने अपनी लंबी रिपोर्ट में भारत की बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था का विस्तार से जिक्र किया है।
इधर, राहुल गांधी ने भी सेंट्रल विस्टा को आवश्यक सेवा घोषित करके लगातार निर्माण जारी रखने पर हमला बोला है। उन्होंने कहा-यह देश के संसाधनों की आपराधिक बरबादी है। उन्होंने कहा- आम लोगों के जीवन पर ध्यान दीजिए, अपने अंधे घमंड की पूर्ति के लिए अपना नया घर मत बनाइए।
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‘कौन हैं भारत माता’ सहित अनेक पुस्तकों के लेखक और प्राध्यापक पुरुषोत्तम अग्रवाल ने कहा सेंट्रल विस्टा को कोरोनाबाद की संज्ञा दी है।
वर्ल्ड बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री रह चुके कौशिक बसु ने कहा कि जब देश में ऑक्सीजन, दवा की कमी हो रही है, तब सेंट्रल विस्टा बनाना देश की अर्थव्यवस्था पर भारी बोझ साबित होगा। उन्होंने कहा कि यह पैसा गरीबों में दिया जाना चाहिए। कांग्रेस नेता जयराम नरेश ने भी कहा कि आप एक तरफ विदेश से मदद मांग रहे हैं, वहीं अपने लिए महल बना रहे हैं।