CEED ने बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन और शक्ति सस्टेनेबल एनर्जी फाउंडेशन के साथ मिल कर अक्षय ऊर्जा से संबंधित ‘एनर्जाइंजिग बिहार : एड्रेसिंग एक्सेस एंड एनर्जी सिक्युरिटी चैलेंजेज’ विषय पर एक नेशनल कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया। CEED के चीफ एग्जीक्युटिव ऑफिसर श्री रमापति कुमार ने कहा कि रिन्युबल एनर्जी पॉलिसी में चिन्हित प्रमुख क्षेत्रों जैसे सोलर रूफटॉप और मिनी ग्रिड से संबंधित क्रियान्वयन दिशानिर्देशों की अभी भी जरूरत है, ताकि नीति को प्रभावी ढंग से लागू किया जा सके
पटना, 19 सितंबर 2018 : सेंटर फॉर एन्वॉयरोंमेंट एंड एनर्जी डेवलपमेंट (CEED) ने बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन और शक्ति सस्टेनेबल एनर्जी फाउंडेशन के साथ मिल कर अक्षय ऊर्जा से संबंधित ‘एनर्जाइंजिग बिहार : एड्रेसिंग एक्सेस एंड एनर्जी सिक्युरिटी चैलेंजेज’ विषय पर एक नेशनल कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया, जिसका उद्देश्य वर्ष 2017 में अधिसूचित ‘बिहार राज्य अक्षय ऊर्जा नीति’ के क्रियान्यवयन में हुई प्रगति का आकलन करना था। इस बैठक में नीति के प्रमुख क्षेत्रों, जैसे सोलर रूफटॉप और मिनी ग्रिड के क्रियान्वयन संबंधी दिशानिर्देशों के लिए उठाये जानेवाले प्राथमिकतावार कदमों को चिन्हित करने पर चर्चा की गयी, ताकि ऊर्जा उपलब्धता को प्रभावी बनाने और इसे त्वरित गति से सुनिश्चित करने के साथ ही राज्य में ऊर्जा आपूर्ति संबंधी कमियों को दूर किया जा सके।
इस कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन बिहार सरकार में माननीय ऊर्जा मंत्री श्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने किया और इस बैठक में श्री आर लक्ष्मणन, आईएएस, डायरेक्टर, बिहार रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी (ब्रेडा); श्री के.पी.एस. केशरी, प्रेसिडेंट, बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (बीआइए) और ऊर्जा क्षेत्र से संबंधित गणमान्य लोगों की गरिमामयी उपस्थित रही।
कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए CEED के चीफ एग्जीक्युटिव ऑफिसर श्री रमापति कुमार ने कहा कि ‘‘बिहार सरकार ने पिछले कई वर्षों में राज्य के ग्रामीण व शहरी इलाकों में बिजली उपलब्धता की स्थिति में सुधार लाने के लिए बेहद प्रशंसनीय कार्य किया है। गत वर्ष सरकार ने राज्य में बढ़ती बिजली जरूरत को ध्यान में रखते हुए अपने तरह की अनूठी अक्षय ऊर्जा नीति प्रस्तुत की। हालांकि राज्य में बिजली की मांग बेहद तेज गति से बढ़ रही है और इस आकांक्षा को पूरा किया जाना चाहिए। रिन्युबल एनर्जी पॉलिसी में चिन्हित प्रमुख क्षेत्रों जैसे सोलर रूफटॉप और मिनी ग्रिड से संबंधित क्रियान्वयन दिशानिर्देशों की अभी भी जरूरत है, ताकि नीति को प्रभावी ढंग से लागू किया जा सके।’’ श्री कुमार ने आगे बताया कि ‘‘इन गाइडलाइन के बिना सोलर परियोजनाएं जमीन पर साकार नहीं हो सकतीं। हम बिहार सरकार से अपील करते हैं कि क्रियान्वयन संबंधी गाइडलाइन को तैयार करने की दिशा में तेजी लायी जाये, जिससे कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को विकसित होने का मौका मिल सके और साथ ही राज्य के शहरी इलाकों में बढ़ती ऊर्जा मांग से निबटा जा सके।’’
कॉन्फ्रेंस में प्रमुख वक्तव्य देते हुए माननीय ऊर्जा मंत्री श्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि ‘‘सभी गांवों को विद्युतीकृत करने की दिशा में हमने काफी प्रगति की है और लोगों को 18-20 घंटे तक बिजली मिलना हमारे सरकार की बड़ी उपलब्धि है। हमारा स्पष्ट मानना है कि सभी लोगों तक सततशील ढंग से बिजली पहुंचाने की दिशा में अक्षय ऊर्जा की अग्रणी भूमिका है। निश्चित तौर पर हम सभी लोगों तक चौबीसों घंटे-सातों दिन बिजली उपलब्ध कराने के लक्ष्य पर काम कर रहे हैं और हमारा विश्वास है कि अक्षय ऊर्जा, जैसे सौर बिजली इसमें बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। यही वजह है कि सरकार पिछले वर्ष अक्षय ऊर्जा नीति लेकर आयी, जो कि बेहद समावेशी है और अक्षय ऊर्जा के सभी प्रमुख क्षेत्रों और इसके अनुप्रयोगों के क्रियान्वयन को समाहित करती है।’’ माननीय मंत्री महोदय ने आगे कहा कि ‘‘राज्य सरकार जल्द ही मिनी ग्रिड सेक्टर और सोलर रूफटॉप सेक्टर से जुड़े क्रियान्वयन गाइडलाइन की घोषणा करेगी, क्योंकि ये सरकार के लिए प्राथमिकता के क्षेत्र हैं। संबंधित विभाग गाइडलाइन तैयार करने की दिशा में काम कर रहा है और जल्द ही इसे सार्वजनिक प्रतिक्रिया व सुझावों के लिए प्रस्तुत किया जायेगा। हमें पूरा विश्वास है कि नीति के प्रभावी क्रियान्वयन से राज्य में बड़ी संख्या में रोजगार और जीविकोपार्जन के अवसर सामने आयेंगे।’’
कॉन्फ्रेंस ने कई महत्वपूर्ण विषयों पर विचार-विमर्श को गति प्रदान की, जैसे सोलर रूफटॉप द्वारा फाइनेंसियल सेक्टर को नये बाजार के दोहन के रूप में मुहैया कराये जाने वाले अवसरों को चिन्हित करना और साथ ही क्लीन एनर्जी से जुड़े रोजगार व जीविकोपार्जन पैदा करने से संबंधित सुझावों को सरकार के साथ साझा करना आदि। बैठक में हुई चर्चा-विमर्श ने भागीदारों को मिनी ग्रिड और माइक्रो ग्रिड से संबंधित अभिनव प्रयोगों और इनकी अत्यावश्यकता से अवगत कराया, क्योंकि ये ग्रिड डिस्ट्रीब्युशन कंपनियों (डिस्कॉम्स) और सरकार को आगामी वर्ष 2022 तक शहरों व गांवों में चौबीसों घंटे-सातों दिन सुगम व निर्बाध बिजली उपलब्ध कराने के सपने को साकार करने में एक पूरक के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेंगे।
विशिष्ट अतिथि के रूप में श्री आर लक्ष्मणन, आईएएस, डायरेक्टर, ब्रेडा ने अपने संबोधन में कहा कि ‘‘अक्षय ऊर्जा नीति के लाभों को हासिल करने के लिए प्रभावी दिशानिर्देशों को तैयार करना बेहद जरूरी है, ताकि सरकार के महत्वकांक्षी लक्ष्य को समयानुरूप प्राप्त किया जा सके। हमें बिहार को ऊर्जा सुरक्षित राज्य बनाने की राह में आनेवाली बाधाओं से निबटने की जरूरत है। हम नीति को प्रोत्साहित करने और इसे प्रभावी बनाये रखने के लिए कई पहल और योजनाओं का समर्थन कर रहे हैं और एक ऐसा वातावरण तैयार करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जहां विकेंद्रीकृत तथा ग्रिड से कनेक्टेड अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं को सुगमता से स्थापित और संचालित किया जा सके। इसके साथ ही हम ऊर्जा उपलब्धता की दिशा में सुधार लाने के लिए कृषि, उद्योग, वाणिज्यिक व घरेलू क्षेत्र में विकेंद्रीकृत अक्षय ऊर्जा प्रणालियों के प्रोत्साहन हेतु कटिबद्ध हैं।’’
इस एक-दिवसीय बैठक में दो तकनीक सत्र आयोजित हुए, जिसमें पहला सेशन बिहार के शहरों में सोलर रूफटॉप के विस्तार की राह में आनेवाली चुनौतियों व संभावनाओं पर केंद्रित था। इसमें प्रमुख वक्ताओं में श्री संजय गोयनका, बीआइए; श्री के.ए. सिदिकी, बीएएस, डिप्टी डायरेक्टर, ब्रेडा; श्री एस.के.पी. सिंह, डायरेक्टर प्रोजेक्ट्स, नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्युशन कंपनी लिमिटेड (एनबीपीडीसीएल); श्री राकेश प्रताप, रीजनल मैनेजर, एनर्जी एफिसियंसी सर्विस लिमिटेड (इइएसएल); श्री विवेक मिश्रा, एग्जीक्युटिव डायरेक्टर, मेघराज कैपिटल एडवाइजर्स प्राइवेट लिमिटेड और प्रद्युत मुखर्जी, स्वतंत्र ऊर्जा विशेषज्ञ आदि की सक्रिय भागीदारी रही।
दूसरा तकनीकी सत्र ग्रामीण विद्युतीकरण के पदिृश्य में आये बदलाव में मिनी ग्रिड की भूमिका से संबंधित चर्चा पर केंद्रित रहा। इसमें प्रमुख वक्ताओं के रूप में श्री उपेंद्र भट्ठ, मैनेजिंग डायरेक्टर, सीकाइनेटिक्स; कर्नल बलजीत सिंह, कंट्री डायरेक्टर, हस्क पावर; श्री रोहित चंद्रा, वाइस चेयरमैन एंड एग्जीक्युटिव डायरेक्टर, ओएमसी पावर; श्री समित मित्रा, हेड ऑफ मिनी ग्रिड्स, स्मार्ट पावर इंडिया; सुश्री सलोनी सचदेवा, प्रोजेक्ट ऑफिसर, शक्ति सस्टेनेबल एनर्जी फाउंडेशन की सहभागिता थी।