छोटे मोदी को जानकी मंदिर याद है, भूल गए संविधान दिवस

देश संविधान दिवस मना रहा है। बात-बात में ट्वीट करने वाले सुशील मोदी क्या भूल गए संविधान दिवस या कोई बात है? क्या संघ संविधान के पक्ष में था?

बिहार के भाजपा सांसद सुशील मोदी ने शनिवार को जानकी मंदिर पर पांच ट्वीट किए। शुक्रवार को भी उन्होंने बिहार में जानकी मंदिर निर्माण पर तीन ट्वीट किए थे। बात-बात में ट्वीट करने वाले सुशील मोदी ने संविधान दिवस पर मौन साध रखा है। जब संविधान पारित हुआ था, तब क्या आरएसएस ने संविधान का समर्थन किया था?

पूरा भारत और खासकर दलित, वंचित संविधान दिवस पर आंबेडकर को याद करते हुए उनके प्रति आभार जता रहे हैं। लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता में विश्वास करने वाले लोग भारत के संविधान की खूबियां गिना रहे हैं। सोशल मीडिया पर संविधान दिवस ट्रेंड कर रहा है। हर दल और हर नेता संविधान के पक्ष में बोल रहे हैं, लेकिन सुशील मोदी ने एक भी ट्वीट नहीं किया। क्या वे भूल गए या संविधान के प्रति उनके मन में उपेक्षा है?

कांग्रेस के मीडिया प्रभारी जयराम रमेश ने प्रेस वार्ता करके कहा-26 नवंबर 1949 को संविधान सभा ने संविधान के मसौदे को अपनी स्वीकृति दी और तय किया कि 26 जनवरी 1950 से गणतंत्र दिवस मनाया जाएगा। ये बात भी ध्यान रहे कि RSS और हिंदू महासभा संविधान के खिलाफ थे। उन्होंने यह भी कहा किनरेंद्र मोदी उस विचारधारा से आते हैं, जो विचारधारा संविधान में बिलकुल भी विश्वास नहीं रखती थी और उस विचारधारा की हिंदुस्तान के संविधान में कोई भूमिका नहीं थी।

इधर, राजद ने संविधान की खूबियां बताते हुए इसे समावेशी बताया अर्थात कमजोर, वंचित, अल्पसंख्यक, भाषायी अल्पसंख्यक सबको विकसित होने का अवसर देने वाला संविधान। तेजस्वी यादव ने कहा-देश के हर वर्ग, हर प्रान्त, समुदाय, संस्कृति, मान्यता एवं नागरिक के भविष्य, उत्थान, सुरक्षा और न्याय सुनिश्चित करने वाले भारतीय संविधान को हमारे पूर्वजों ने भारत एवं विश्वभर के श्रेष्ठ समावेशी विचारों को आधार बनाकर तैयार किया। हर देशवासी को संविधान दिवस की शुभकामनाएँ!

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