चिराग ने पिता की बरसी पर मोदी-सोनिया, चाचा को बुलाया
चिराग ने पिता की पहली बरसी के लिए जो कार्ड छपवाया है, उसमें चाचा पशुपति पारस का नाम भी हैं। मोदी-शाह और सोनिया को भी बुलाया। क्या फिर से परिवार एक होगा?
अमूमन भाई-भाई में जब झगड़ा होता है, तो बातचीत के साथ ही भोज-भात भी बंद हो जाता है। लेकिन चिराग पासवान ने पिता की पहली बरसी पर जो कार्ड छपवाया है, उसमें दायीं तरफ विनीत के नीचे उनका नाम मोटे अक्षरों में है और कार्ड की बायीं तरफ ऊपर चाचा पशुपति कुमार पारस का नाम है। उनके नीचे भाई और सांसद प्रिंस राज का नाम है।
बरसी का कार्ड सोशल मीडिया में आते ही लोगों का चौंकना स्वाभिवक था। अब सवाल उठ रहा है कि क्या यह चिराग पासवान की उदारता भर है या इसमें कोई राजनीति संदेश भी है। सवाल है कि क्या फिर से चाचा-भतीजा एक होंगे और लोजपा के दोनों गुटों का विलय होगा?
चिराग पासवान के पिता की पहली बरसी 12 सितंबर को आयोजित की है। द हिंदू अखबार के अनुसार सांसद चिराग पासवान ने इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के साथ ही कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भी आमंत्रित किया है। स्पष्ट है चिराग पिता की पहली बरसी को एक बड़े आयोजन में बदल देना चाहते हैं। जब पीएम मोदी और शाह को आमंत्रिति किया है, तो इसमें भाजपा के अन्य नेताओं को भी आमंत्रित किया गया होगा।
सोनिया गांधी को आमंत्रित करने से लोगों की उत्सुकता इस बात को जानने में होगी कि चिराग क्या कांग्रेस के साथ भी अपना कोई भविष्य देख रहे हैं? यह भी संभव है कि चिराग उन सारे नेताओं को बुलाना चाहते होंगे, जिनके साथ पिता ने काम किया। लेकिन तब ये सवाल भी होगा कि क्या वे लालू प्रसाद और नीतीश कुमार को भी आमंत्रित करेंगे? जाहिर है, इतनी उदारता की अपेक्षा चिराग से नहीं की जा सकती। हो सकता बुलाएं भी, न भी बुलाएं।
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इसके साथ ही यह अटकल जोर पकड़ने लगी है कि चिराग अपने चाचा पारस के साथ किसी स्तर पर समझौते को तैयार हैं। जो भी हो, चिराग अपने पिता की पहली बरसी को यादगार बनाना चाहते हैं, यह तो स्पष्ट है, पर राजनीतिक संदेश को लेकर फिलहाल ठोस रूप से कुछ कहा नहीं जा सकता कि चिराग के मन में क्या चल रहा है। आप भी सोचिए, बताइए, चिराग के मन की बात!
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