कोविड : IPS ऑफिसर की सेवा देख खलीज टाइम्स में सराहना
महाराष्ट्र की IPS ऑफिसर ने मालेगांव की घनी आबादी को जिस प्रकार महामारी से बचाने में दिन-रात प्रयास किया, अब उसकी विदेशी अखबार भी सराहना कर रहे हैं।
दुबई से प्रकाशित खलीज टाइम्स ने महाराष्ट्र की एक महिला आईपीएस अधिकारी की सराहना की है। कोरोना महामारी से बचाव के लिए सबसे जरूरी है लोगों के बीच दूरी रखना, अगर लक्षण दिखे, तो अलग कमरे में रहना, लेकिन सोचिए उस क्षेत्र में क्या होगा, जहां भारत की सबसे घनी आबादी हो, वहां कैसे लोगों को महामारी से बचाया जा सकता है। ठीक यही चुनौती थी महाराष्ट्र की आईपीएस आफिसर डॉ. आरती सिंह के सामने थी।
डॉ. आरती सिंह अमरावती की पुलिस प्रधान रहते हुए दिन-रात काम किया। एक समय अमरावती सबसे बुरी तरह प्रभावित जिलों में एक था। तेज धूप की परवाह किए बिना वे लोगों को जागरूक करती रहीं। वे खुद भी एमबीबीएस डॉक्टर हैं, इसलिए मेडिकल सलाह भी देती रहीं।
जब मालेगांव में कोरोना महामारी ने कहर बरपाना शुरू किया, तो शरद पवार ने कहा कि वहां कौन आफिसर जाना चाहेगा। डॉ. आरती सिंह ने कहा वह जाएंगी। मुंबई से 250 किमी उत्तर पूर्व में बसा मालेगांव पावर लूम टाउन है, जो दुनिया के सबसे घनी आबादी वाले शहरों में एक है। 80 प्रतिशत आबादी मुस्लिम है। यहां गरीबी भी है। सिर्फ एक किमी के दायरे में एस लाख लोग रहते हैं। अंदाज किया जा सकता है कि किस तरह लोग रहते होंगे। वे नासिक ग्रामीण की एसपी थीं। मालेगांव में कोरोना फैलने पर उन्होंने चुनौती स्वीकार करते हुए यहां दो महीने तक कैंप किया।
हिंदू डॉक्टर ने अंतिम सांस ले रहे मरीज के कान में पढ़ा कलमा
डॉ. आरती सिंह ने यहां के मुस्लिम नेताओं से संपर्क किया। दिन-रात लोगों को कोविड के नियमों के पालन के लिए प्रेरित किया। उन्होंने पुलिस फोर्स को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित किया। यहां सैकड़ों पुलिस जवान संक्रमित थे। कई की मौत हो चुकी थी। इसलिए उन्हें आम लोगों की मदद में लगाना आसान न था। डॉ. सिंह कोविड केयर सेंटर जातीं और वहां के स्टाफ को प्रेरित करतीं। हर तरह का सहयोग देतीं।
फिर संबित पात्रा बने मिस्टर मनिपुलेटर, पकड़ाया झूठ
डॉ. सिंह ने अपने जवानों को बार-बार तीन बातों की याद दिलाई-दृढ़ता, कड़ी मेहनत और प्रेरणा।