बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही जदयू की अजीब स्थिति हो गई है। पहले नीतीश सरकार ने बड़े नेताओं के तीन-तीन दामादों को विभिन्न आयोगों में सेट कर दिया और अब खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार को चुनाव लड़ने का प्रस्ताव मिला है। प्रस्ताव दिया है जदयू के नालंदा से सांसद कौशलेंद्र कुमार ने। उन्होंने चुनाव लड़ने की सीट भी प्रस्तावित कर दिया है। कहा कि यहां से निशांत सिर्फ नामांकन कर दें, चुनाव वे जितवा देंगे।

इधर राजद और कांग्रेस ने जदयू-भाजपा पर हमला तेज कर दिया है। तेजस्वी यादव ने फिर कहा कि नीतीश कुमार को अब दामाद आयोग, जीजा आयोग और मेहरारू आयोग बना देना चाहिए। मालूम हो कि आयोगों में स्व. रामबिलास पासवान, जीतनराम मांझी तथा अशोक चौधरी के दामाद को अलग-अलग आयोगों का सदस्य बनाया गया है। एक आईएएस अधिकारी की पत्नी को भी आयोग का सदस्य बनाया गया है। उनके परिचय में उनके अधिकारी पति का नाम और पता नहीं दिया गया है। इस पूरे मुद्दे पर जदयू-भाजपा बैकफुट पर दिख रही है।

इस बीच जदयू के सांसद कौशलेंद्र कुमार ने कहा कि निशांत कुमार जदयू के स्वाभाविक नेता हो सकते हैं। उन्हें नालंदा के इस्लामपुर से चुनाव लड़ना चाहिए। चुनाव जितवाने की जिम्मेदारी उनकी है। फिलहाल इस सीट पर राजद का कब्जा है। इसके साथ ही एक बार फिर से निशांत के चुनाव लड़ने की चर्चा तेज हो गई है। इस स्थिति ने जदयू-भाजपा के चरित्र पर सवाल खड़ा कर दिया है। जो कल तक भाई-भतीजावाद और परिवारवाद का विरोध कर रहे थे, वे आज खुद ही आकंठ डूब गए हैं।

 

 

By Editor