बिहार विधानसभा चुनाव में तेजस्वी यादव द्वारा घोषित माई-बहिन योजना गेम चेंजर साबित हो सकती है। पहले राजद ने इय योजना को गांव तक ले जाने का काम किया और अब कांग्रेस ने इस योजना के प्रचार में पूरी ताकत झोंक दी है। कांग्रेस कार्यकर्ता खासकर महिला कार्यकर्ता नीचे गांवों तक जा कर इस योजना का प्रचार कर रही है। अगर इंडिया गठबंधन की सरकार बनी, तो माई-बहिन योजना लागू की जाएगी। इसके तहत हर महिला को हर महीने ढाई हजार रुपए दिए जाएंगे। कांग्रेस इस योजना का न सिर्फ प्रचार कर रही है, बल्कि महिलाओं के नाम रजिस्टर करके उन्हें जोड़ भी रही है। कांग्रेस के इस अभियान का पूरा फोकस दलित, अतिपिछड़े वर्ग की महिलाएं हैं।
कांग्रेस ने इस योजना के प्रचार के लिए बड़ी सभाएं करने के बजाय गांव-टोले की महिलाओं के साथ छोटी-छोटी बैठकों पर जोर दे रही है। यहां कांग्रेस के नेता सीधे महिलाओं से संवाद कर रहे हैं। बड़ी सभाओं में संवाद एकतरफा रहता है। वहां सिर्फ नेताओं के भाषण होते हैं, जबकि कांग्रेस के अभियान में महिलाओं की बात, उनकी समस्याएं भी समने आ रही हैं। आम महिलाओं को पहले बोलने का मौका दिया जाता है। उसके बाद कार्यकर्ता अपनी बात करते हैं और अंत में महिलाओं के नाम रजिस्टर किए जाते हैं। कांग्रेस का यह अभियान उन्हीं विधानसभा क्षेत्रों में लागू किया जा रहा है, जहां से कांग्रेस के संभावित उम्मीदवार होंगे।
अभी तक एनडीए की तरफ से इस तरह की कोई घोषणा नहीं करने से महागठबंधन के लिए खाली मैदान मिल गया है। एनडीए मुद्दों की कमी की सामना कर रहा है। उसकी उम्मीदें एकमात्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं। प्रधानमंत्री 20 जून को सीवान में रैली को संबोधित करेंगे।